भोले ने तैयारी कर ली हरिद्वार के लिए
भोले ने तैयारी कर ली हरिद्वार के लिए,
नंदी पर बैठ कर चल दिए मौज बहार के लिए,
भोले ने तैयारी कर ली हरिद्वार के लिए,
नंदी पर बैठ कर चल दिए मौज बहार के लिए,
वो बहुतों को समझाए, गोरा की समझ ना आए,
वह बोली भांग तब घोटू, मेरी करवा को घुमवाए,
भोले ने समाधि छोडी गोरा बाहर के लिए,
नंदी पर बैठ कर चल दिए मौज बहार के लिए,
नंदी पर बैठ कर चल दिए मौज बहार के लिए,
भोले ने तैयारी कर ली हरिद्वार के लिए,
नंदी पर बैठ कर चल दिए मौज बहार के लिए,
नंदी पर बैठ कर चल दिए मौज बहार के लिए,
नंदी पर बैठ कर चल दिए मौज बहार के लिए,
कहे दे दो भांग का लोटा, उठा दो कुंडी सोटा,
और बैठे गंगा किनारे आनंद से पी लिया घोटा,
शिव पार्वती ले आए जब उद्धार के लिए,
नंदी पर बैठ कर चल दिए मौज बहार के लिए,
नंदी पर बैठ कर चल दिए मौज बहार के लिए,
भोले ने तैयारी कर ली हरिद्वार के लिए,
नंदी पर बैठ कर चल दिए मौज बहार के लिए,
नंदी पर बैठ कर चल दिए मौज बहार के लिए,
नंदी पर बैठ कर चल दिए मौज बहार के लिए,
भोले मंद मंद मुस्काए गौरा फूली नहीं समाये,
चंदा गंगा के दर्शन को महादेव धरा पर आए,
भोले गोरा को ले चले हरिद्वार के लिए,
नंदी पर बैठ कर चल दिए मौज बहार के लिए,
नंदी पर बैठ कर चल दिए मौज बहार के लिए,
भोले ने तैयारी कर ली हरिद्वार के लिए,
नंदी पर बैठ कर चल दिए मौज बहार के लिए,
नंदी पर बैठ कर चल दिए मौज बहार के लिए,
नंदी पर बैठ कर चल दिए मौज बहार के लिए,
श्रेणी : शिव भजन