नौ नौ दिन मां बारह महीने होने चाहिए
( तर्ज - भीड़ में तन्हाई में )
नौ नौ दिन मां बारह महीने होने चाहिए नवराते,
तेरे भगत बन कदर करेंगे जो बेटी ने ना चाहते,
नौ नौ दिन मां बारह महीने होने चाहिए नवराते...
माथे ऊपर बांध चुनरी बोले जो जय माता दी,
रहे पेट ते भूखे नौ दिन,जोत अखंड घर में जादी,
सोचे भक्ति से खुश होजा देवी मां सीधी सादी,
बेटी ने मरवा के ये भगत बने से अपराधी,
नौ दिन फेर सबकी कन्या ने रूप तेरा ही बतलाते,
नौ नौ दिन मां बारह महीने होने चाहिए नवराते...
6 महीने में एक बार क्यों दिल में भक्ति जागे से,
छोटी कन्या उते दुनियां हांडे पाच्छे आगे से,
कोई कहे कन्या पूजन ते जिंदगी का दुख भाग से,
भक्ति नही दोगलापन यो कोरा पाखंड लागे से,
कन्या रूप तेरा होता फिर कोख बीच क्यों मरवाते,
नौ नौ दिन मां बारह महीने होने चाहिए नवराते...
हे महामाई जब हो जाएंगे 12 मास बरत तेरे,
इसी बहाने हर कन्या के खिले रहेंगे नीत चेहरे,
घर-घर होगी पूजा इनकी मिट जाएंगे नफरत फेरे,
मरे गरभ में ना बेटी कोई होजा दूर अंधेरे,
तेरी भक्ति ते सुधरेंगे मां,बाप और बेटी के नाते,
नौ नौ दिन मां बारह महीने होने चाहिए नवराते...
नौ दिन के नवराते मैया हर कोई तेरे पुगावे से,
सच्चा भगत तेरा कहलाए जो बेटी ने चाव से,
जिस आंगन खेले कन्या तूं बिना बुलाए जावे से,
बेशक लागो कड़वी पर सच्चाई रामधन गावे से,
भगतो ने ओम गुरुजी सच्चा मारग दिखलाते,
नौ नौ दिन मां बारह महीने होने चाहिए नवराते...
तेरे भगत बन कदर करेंगे जो बेटी ने ना चाहते,
नौ नौ दिन मां बारह महीने होने चाहिए नवराते...
श्रेणी : दुर्गा भजन
Note :- वेबसाइट को और बेहतर बनाने हेतु अपने कीमती सुझाव नीचे कॉमेंट बॉक्स में लिखें व इस ज्ञानवर्धक ख़जाने को अपनें मित्रों के साथ अवश्य शेयर करें।