मुरली बजा के मोहन क्यों कर लिया किनारा
मुरली बजा के मोहना,
क्यों कर लिया किनारा,
अपनों से हाय कैसा,
व्यवहार है तुम्हारा।।
ढूंढा गली गली में,
खोजा डगर डगर में,
मन में यही लगन है,
दर्शन मिले दुबारा,
मुरली बजा के मोहना,
क्यों कर लिया किनारा।।
मधुवन तुम्ही बताओ,
मोहन कहाँ गया है,
कैसे झुलस गया है,
कोमल बदन तुम्हारा,
मुरली बजा के मोहना,
क्यों कर लिया किनारा।।
यमुना तुम्हीं बताओ,
छलिया कहाँ गया है,
तू भी छलि गयी है,
कहती है नील धारा,
मुरली बजा के मोहना,
क्यों कर लिया किनारा।।
दुनिया कहे दीवानी,
पागल कहे जमाना,
तुमको ना भूल जाना,
हमको नहीं गवारा,
मुरली बजा के मोहना,
क्यों कर लिया किनारा।।
राधा की पीड़ ‘मृदुल’,
व्याकुल ह्रदय ही जाने,
समझेगा क्या भला वो,
जिसको ना गम पियारा,
मुरली बजा के मोहना,
क्यों कर लिया किनारा।।
मुरली बजा के मोहना,
क्यों कर लिया किनारा,
अपनों से हाय कैसा,
व्यवहार है तुम्हारा।।
श्रेणी : कृष्ण भजन