मीरा थारे काई लागे रे गोपाल
दोहा – जनम मीरा थारो मेड़ते,
मरुधर जिणरो देश,
दुदा जी री लाडली प्रभु,
कीदो भगवा वेश।।
ओ जी थाणे राणे जी समझाय,
मीरा थारे काई लागे रे गोपाल,
मीरा थारे काई लागे रे गोपाल।।
विष रा प्याला राणे जी भेज्या,
दीजो मीरा ने जाय,
कर चरणामृत पी गई रे,
स्याय करी रे रघुनाथ।।
मीरा थारे काई लागे रे........
सर्प पिटारा राणे जी भेज्या,
दीजो मीरा ने जाय,
पकड़ गले में पेरियो जी,
हो गयो नवसर हार।।
मीरा थारे काई लागे रे........
मीरा महला उतरी जी,
ऊँटा कसिया पीलाण,
गढ़ तो छोडयो बाई मेडतो रे,
काशी में कीन्हो विश्राम।।
मीरा थारे काई लागे रे........
चार फ़रिश्ता राणे जी भेज्या,
मीरा री खबर ले आय,
मर गई वे तो बाल दीजो रे,
चन्दन दीजो दाग।।
मीरा थारे काई लागे रे........
पग से बजावे मीरा घुघरा जी,
हाथ से बजावे ताल,
मुख से बजावे मीरा बांसुरी जी,
गावे है मदन गोपाल।।
मीरा थारे काई लागे रे........
बाई मीरा री बिनती जी,
सुनजो सिरजन हार,
शरने आया री लजिया राख जो,
चारभुजा रा नाथ।।
मीरा थारे काई लागे रे........
श्रेणी : कृष्ण भजन
MIRA THARE KAI LAGE GOPAL
मीरा थारे काई लागे रे गोपाल लिरिक्स Meera Thaare Kai Laage Re Gopaal Lyrics, Krishna Bhajan, by Singer: Gopal Das Vaishnav Ji
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