जहाँ बरसाना है वही बस जाना है
तर्ज – हम तुम चोरी से बंधे इक डोरी से
जहाँ बरसाना है वही बस जाना है,
जाना नही है कही और,
जहा श्री राधा है प्रेम अगाधा है,
वही पे मिलेंगे चितचोर...
इक इक पोड़ी तेरी, महलन की मैं धोऊंगी,
चवर ढुलाई देना, सारी रैन ना मैं सोऊंगी,
जप जप राधे नाम से, होगी जीवन की भोर,
जहाँ बरसाना है, वही बस जाना है,
जाना नही है कही और,
जहा श्री राधा है, प्रेम अगाधा है,
वही पे मिलेंगे चितचोर...
प्यारी सी नगरी को तन मन से रोज बुहारूँगी,
थक जाउंगी जब राधे वह बैठ के तुम्हे पुकारूंगी,
दासन की में दास हु, करना किरपा की कोर,
जहाँ बरसाना है वही बस जाना है,
जाना नही है कही और,
जहा श्री राधा है प्रेम अगाधा है,
वही पे मिलेंगे चितचोर....
खुश होकर राधाजी मोहे चरणन से लिपटायेगी,
चरण कमल की सेवा मुझे सहज में ही मिल जाएगी,
मस्त रहूँगा में नाम में, जग लाख मचाये शोर,
जहाँ बरसाना है वही बस जाना है,
जाना नही है कही और,
जहा श्री राधा है प्रेम अगाधा है,
वही पे मिलेंगे चितचोर....
श्रेणी : कृष्ण भजन
Jahan Barsana Hai || जहाँ बरसाना है || Sadhvi Purnima Ji || Latest Devotional Song
जहाँ बरसाना है वही बस जाना है ( Jahan Barsana Hai Vahin Bas Jana Hai ) Lyrics, Krishna Bhajan, by Singer: Sadhvi Purnima Ji
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