धन्य हुई सावेर की धरती
उल्टे हैं हनुमान जहां,
चोला सिंदूरी धारा,
धन्य हुई है हुई है,
धन्य हुई सावेर की धरती,
जहाँ लगे दरबार तुम्हारा....
त्रेता मे लंगूर यहीं,
पाताल विजय कर आया,
इस कलयुग मे भी,
हम सब पर है इनका ही साया,
इनकी दया दृष्टि मे आया,
ये सावेर हमारा,
सबका रक्षक सबका सहारा,
बन गया राम दुलारा,
धन्य हुई है हुई है,
धन्य हुई सावेर की धरती,
जहाँ लगे दरबार तुम्हारा....
इनकी भक्ति के सच्चे,
अदभुत ये रंग रहेंगे,
कलयुग मिट जायेगा,
पर मेरे बजरंग रहेंगे,
सेवक बलशाली इन जैसा,
होगा अब ना दोबारा,
मुझको अपनी सेवा मेरा,
मेरा जन्म सुधारा,
धन्य हुई है हुई है,
धन्य हुई सावेर की धरती,
जहाँ लगे दरबार तुम्हारा....
रामायण इतिहास तुमने,
जग मे अमर कर डाला,
जय उल्टे हनुमान महाप्रभु,
जय हो बजरंग बाला,
चंदा सूरज से ज्यादा
तेरे नाम का है उजियारा,
दुनिया तरसे तेरे लिए,
संजय तरसे तेरे लिए,
हमें होता दर्श तुम्हारा,
धन्य हुई है हुई है,
धन्य हुई सावेर की धरती,
जहाँ लगे दरबार तुम्हारा.....
श्रेणी : हनुमान भजन
Dhanya Hui Sanwer Ki Dharti | Sanjay Singh Chouhan | Ulte Hanuman Bhajan 2023
धन्य हुई सावेर की धरती लिरिक्स Dhanya Hui Sanwaer Ki Dharti Lyrics, Hanuman Bhajan, by Singer: Sanjay Singh Chouhan Ji
Note :- वेबसाइट को और बेहतर बनाने हेतु अपने कीमती सुझाव नीचे कॉमेंट बॉक्स में लिखें व इस ज्ञानवर्धक ख़जाने को अपनें मित्रों के साथ अवश्य शेयर करें।