तुम मेरी नींद बन जाओ तो
तुम्हारे सपने चुभते हैं, मेरी आंखों में,
तुम मेरी नींद बन जाओ तो, कुछ बात बने,
बेसुध होकर,मैं भीग सकूं,
तुम वह बारिश बन सको, तो कुछ बात बने।
खिल जाए मेरी जिंदगी, बहारों की तरह,
तुम वह बसंत बन जाओ, तो कोई बात बने।
हो जाए मेरी रूह,तुम्हारे रूबरू,
तुम वह पल बन जाओ, तो कुछ बात बने।
जिसके साहिल पर बैठ कर, कर सकूं मैं गूफतगू,
तुम वो सागर बन जाओ, तो कोई बात बने।
जिस में रहकर मैं,अपनी मर्जी से जी सकूं,
ऐसा प्रेम तुम भी करो, तो कोई बात बने।
अकेले छत पे बैठ कर, घंटो निहार सकूं,
तुम वो चाँद बन जाओ, तो कोई बात बने।
अभी अजनबी हूँ मैं, इस इशक के शहर में,
तुम मेरी पहचान बन जाओ, तो कोई बात बने।
दिल को दे जाये जो सुकून, तुम वो,
मेरी शायरी बन जाओ, तो कोई बात बने...
श्रेणी : कृष्ण भजन
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