जब मुरलीवाला तुझको बेहिसाब देता है
जब मुरली वाला तुझको बेहिसाब देता है,
फिर गिन गिन कर क्यों तू उसका नाम लेता है....
तू एक मांगता है ये लाखो देता है,
बदले में तुझसे लेकिन कभी कुछ न लेता है,
जब तेरी हर खवाइश ये पूरी कर देता है,
फिर गिन गिन कर क्यों तू उसका नाम लेता है,
जब मुरली वाला तुझको बेहिसाब देता है....
जब मांग के लाते हो जग से छिपाते हो,
और नाम जपलेते हो जग को दीखते हो,
जब दुःख के बदले तुझको ये खुशिया देता है,
फिर गिन गिन कर क्यों तू उसका नाम लेता है,
जब मुरली वाला तुझको बेहिसाब देता है....
तकलीफ इसको तो भी होती है मेरे यार,
इस का अंश है इससे करे सवार्थ का बेहवार,
जब इतना सह कर तुझको दुआए देता है,
फिर गिन गिन कर क्यों तू उसका नाम लेता है,
जब मुरली वाला तुझको बेहिसाब देता है....
ईशा और जरुरत में है फर्क बड़ा होता,
मानव की दिरिशाना का कभी अंत नही होता,
जब गलती की तुझे मोहित ये मफ्फी देता है,
फिर गिन गिन कर क्यों तू उसका नाम लेता है,
जब मुरली वाला तुझको बेहिसाब देता है....
श्रेणी : कृष्ण भजन
जब मुरलीवाला तुझको बेहिसाब देता है | Jab Murli Wala Tujhko Behisab Deta Hai | Krishna Bhajan |
जब मुरलीवाला तुझको बेहिसाब देता है लिरिक्स Jab Murli Wala Tujhko Behisab Deta Hai Lyrics, Krishna Bhajan, by Singer: Upasana Mehta Ji
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