गोर तन पर भस्म रमाये
जय शिव शंकर हो हो जय त्रिशूलधर
हो हो जय शिव शंकर हो हो नमामि हर हर
जय शिव शंकर हो हो जय त्रिशूलधर
हो हो जय शिव शंकर हो हो नमामि हर हर
गोरे तन पर भस्म रमाये
सर्पमाल लटकाये भोले भंडारी
ओ भोले भंडारी
भोले भंडारी
ओ भोले भंडारी
गोरे तन पर भस्म रमाये
सर्पमाल लटकाये भोले भंडारी
ओ भोले भंडारी
भोले भंडारी
भोले भंडारी
जय शिव शंकर हो हो जय त्रिशूलधर
हो हो जय शिव शंकर हो हो नमामि हर हर
जटा मुकुट में गंग समाये
चंदा तिलक सजाये
शम्भू त्रिपुरारी हो भोले भंडारी
शम्भू त्रिपुरारी हो भोले भंडारी
जटा मुकुट में गंग समाये
चंदा तिलक सजाये
भोले भंडारी हो भोले भंडारी
भोले भंडारी हो भोले भंडारी
जय शिव शंकर हो हो जय त्रिशूलधर
हो हो जय शिव शंकर हो हो नमामि हर हर
जय शिव शंकर हो हो जय त्रिशूलधर
हो हो जय शिव शंकर हो हो नमामि हर हर
सहज भयंकर विष पी जाये
दुनिया महिमा गाये
हे डमरुधारी हो भोले भंडारी
हे डमरुधारी हो भोले भंडारी
सहज भयंकर विष पी जाये
दुनिया महिमा गाये
भोले भंडारी हो भोले भंडारी
भोले भंडारी ओ भोले भंडारी
जय शिव शंकर हो हो जय त्रिशूलधर
हो हो जय शिव शंकर हो हो नमामि हर हर
जय शिव शंकर हो हो जय त्रिशूलधर
हो हो जय शिव शंकर हो हो नमामि हर हर
श्रेणी : शिव भजन
गोर तन पर भस्म रमाये | Gore Tan Par Bhasm Ramaye | Shiv Ji Ke Bhajan | Sharma Bandhu | Bhakti Prem
गोर तन पर भस्म रमाये लिरिक्स Gore Tan Par Bhasm Ramaye Lyrics, Shiv Bhajan, by Singer: Sharma Bandhu Ji, Ytkrishnabhakti
Note :- वेबसाइट को और बेहतर बनाने हेतु अपने कीमती सुझाव नीचे कॉमेंट बॉक्स में लिखें व इस ज्ञानवर्धक ख़जाने को अपनें मित्रों के साथ अवश्य शेयर करें।