भूतनाथ के द्वारे पे जो भी
भूतनाथ के द्वार पे जो भी
अपना शीष, झुका देता है
चिन्ताओं की सारी लक़ीरें
बाबा भूतनाथ मिटा देता है....
ज़माने की ठोकरें
जो खाकर के हारा
वो इस दर पे आकर
ना रहता बेचारा....
भूतनाथ से, बढ़के न कोई,
देव है अलबेला
कोई देव है अलबेला
उम्मीदों कोआशाओं को
बाबा टूटने ही नहीं देता है....
मेरा शिव बम भोलाबड़ा ही है भोला
जो मांगो सब देताऐसा है मस्तमौला....
मालिक तीनों लोकों का है
फिर भी हैं बैरागी
भोले फिर भी हैं बैरागी....
रखता चिता की राख़ स्वयं ये
बाक़ी सबकुछ.ही लुटा देता है...
गुरू महिपाल जी की
श्रद्धा और भक्ति ने
जगाई इस दर की
अलख ज्योति जग में
कोटि_कोटि नमन करूं महिपाल गुरू जी को
महिपाल गुरू जी को....
इस दरबार में.आने वाला
*ख़ुद को भाग्यशाली बना लेता है....
भूतनाथ के द्वार पे जो भी
अपना शीष झुका लेता है
चिन्ताओं की सारी लक़ीरें
बाबा भूतनाथ मिटा देता है.....
श्रेणी : शिव भजन
Bhootnath Ke Dwar Pe Jo Bhi ||Manoj Mishra || भूतेश्वर के दर पे || Latest Baba Bhootnath Bhajan
भूतनाथ के द्वारे पे जो भी लिरिक्स Bhootnath Ke Dwar Pe Jo Bhi Lyrics, Shiv Bhajan, by Singer: Manoj Mishra Ji
Note :- वेबसाइट को और बेहतर बनाने हेतु अपने कीमती सुझाव नीचे कॉमेंट बॉक्स में लिखें व इस ज्ञानवर्धक ख़जाने को अपनें मित्रों के साथ अवश्य शेयर करें।