रंग डार गयो री मोपे साँवरा
रंग डार गयो री मोपे सांवरा,
मर गयी लाजन हे री मेरी बीर,
मैं का करूँ सजनी होरी में,
रंग डार गयो री मोपे साँवरा।।
मारी तान के ऐसी मोपे पिचकारी,
मारी तान के ऐसी मोपे पिचकारी,
मेरो भीज्यो तन को चीर,
मैं का करूँ सजनी होरी में,
रंग डार गयो री मोपे साँवरा।।
रंग डारी चुनर कोरी रे,
रंग डारी चुनर कोरी रे,
मेरे भर गयो नैनन अबीर,
मैं का करूँ सजनी होरी में,
रंग डार गयो री मोपे साँवरा।।
मेरो पीछा ना छोड़े ये होरी में,
मेरो पीछा ना छोड़े ये होरी में,
एक नन्द गाँव को अहीर,
मैं का करूँ सजनी होरी में,
रंग डार गयो री मोपे साँवरा।।
पागल के ‘चित्र विचित्र’ संग,
पागल के ‘चित्र विचित्र’ संग,
होरी भई यमुना के तीर,
मैं का करूँ सजनी होरी में,
रंग डार गयो री मोपे साँवरा।।
रंग डार गयो री मोपे सांवरा,
मर गयी लाजन हे री मेरी बीर,
मैं का करूँ सजनी होरी में,
रंग डार गयो री मोपे साँवरा।।
श्रेणी : कृष्ण भजन
Sunday Special Song :: Rang Daal Gayo Saawara :: Shri Chitra Vichitra Ji Maharaj
रंग डार गयो री मोपे साँवरा लिरिक्स Rang Daar Gayo Ri Mope Sanwara Lyrics, Krishna Bhajan, by Singer: Chitra Vichitra Ji
Note :- वेबसाइट को और बेहतर बनाने हेतु अपने कीमती सुझाव नीचे कॉमेंट बॉक्स में लिखें व इस ज्ञानवर्धक ख़जाने को अपनें मित्रों के साथ अवश्य शेयर करें।