पीहर ना जाओ गौरा वहां तेरा निरादर है
पीहर ना जाओ गौरा वहां तेरा निरादर है...
गौरा तेरे बाबुल ने यज्ञ रचाया है
यज्ञ रचाया है यज्ञ रचाया है
वहां सबको बुलाया है पर तुम्हे ना बुलाया है
पीहर ना जाओ गौरा वहां तेरा निरादर है....
पीहर में देखा वहां सभी देवी देव है
वहां भोले का आसन नही गौरा पछताई है
पीहर ना जाओ गौरा वहां तेरा निरादर है......
पीहर में देखा बाबुल ना मुख से बोले
मुख से बोले बाबुल ना मुख से बोले
वहां मैया खड़ी रोए बहना ताने मारे है
पीहर ना जाओ गौरा वहां तेरा निरादर है......
छोटी बहना यु बोली तेरा भोला भिखारी है
भोला भिखारी तेरा भोला भिखारी है
उसका इनता वचन सुनके गौरा पछताई है
पीहर ना जाओ गौरा वहां तेरा निरादर है......
भोले जी को पता चला तांडव रचाया है
तांडव रचाया है तांडव रचाया है
काट दिया फिर दक्ष का सिर सिर बकरे का लगाया है
पीहर ना जाओ गौरा वहां तेरा निरादर है......
श्रेणी : शिव भजन
शिवरात्रि भजन | पीहर ना जाओ गौरा | Pihar Na Jao Gaura | Shiv Gora Bhajan | Shivratri Bhajan
पीहर ना जाओ गौरा वहां तेरा निरादर है लिरिक्स Pihar Na Jao Gaura Waha Tera Niradar Hai Lyrics, Shiv Bhajan, by Singer: Meenakshi Mukesh Ji
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