ओ आयो फागणियो अलबेलों
( तर्ज - धरती धोरा री )
ओ आयो फागणियो अलबेलों,
बाबा श्याम धणी को मेलो
चाल्यो भगता को यो रेलो खाटू श्याम जी
ओ ओ खाटूधाम जी
कपड़ो रेशम वालो ल्यायो,
खुद हाथा निशाण बणायो,
गोटो चारू मेर लगायो... खाटू श्याम जी...
अन्तर छ्डक्यो निशाण के ऊपर,
फ़िर में ढोक दियो सर रखकर,
बांध्यो जोर से कमर के ऊपर.... यो निशान जी...
ओ गेला माही ठाठ अनोखा,
खातिर करे भगत की चोखा,
तू भी क्यूं चूके ये मौका
सारा नाचता कूदता आया....
सब प्रेमिया से प्रेम बढ़ाया,
मिलकर घणा ही आनन्द आया.... खाटू श्याम जी....
पूरो खाटू नगरी घूम्यो,मनडो म्हारो घणो ही झूम्यो,
जद मुं थारी चौखट चूम्यो खाटू श्याम जी,
थारा विशाल दर्शन पाया, नैणा झर झर नीर बहाया,
इतना दिना म मैं क्यूं आया.... खाटू धाम जी....
दर्शण कर बाबा सू बोल्यो,
"राजू" जो भी श्याम को हो ल्यो,
थे किस्मत को तालों खोल्यो... खाटू श्याम जी....
वू की घर करे यू रूखाली,
वू को बण ज्या यो खुद हाली... खाटू श्याम जी....
श्रेणी : खाटू श्याम भजन
फागणियो अलबेलों, | Faganiyo Albelo | फागुन की ग्यारस का सुपरहिट श्याम भजन | Rajendra Agrawal Dei
ओ आयो फागणियो अलबेलों लिरिक्स O Aayo Faganiyo Albelo Lyrics, Khatu Shyam Bhajan, by Singer: Rajendra Agrawal Ji
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