कान्हा रे मैंने तुझे अपना माना रे
कान्हा रे कान्हा रे कान्हा रे,
मैंने तुझे अपना माना रे,
होठों पर रहता मेरे हर पल सांवरिया,
तेरे ही नाम का तराना रे....
कान्हा रे कान्हा रे तुझको है पाना,
कान्हा रे कान्हा रे दिल में बस जाना,
जग से ना पाया जो वो तुझसे है मिला,
चोर दुनिया अब सब तुझको है माना…..
तुम सा नहीं है कोई दूजा मेरा,
मेरी आत्मा है तेरी ये तन भी है तेरा,
तू ही मेरा कर्म है और तू ही मेरा धर्म है,
तेरे दर पे आके लागे ये जग बेगाना रे,
कान्हा रे कान्हा रे कान्हा रे.....
कान्हा रे कान्हा रे अपना ले बना,
मोह माया से जग की मुझे दूर ले जाना,
दिल मेरा बस तेरी सूरत का है दीवाना,
सब कुछ मैं वार दूं तुझ पर मेरे कान्हा......
जैसे बने तुम अर्जुन के सखा,
संग मेरे भी रेना तुम हर दम हर दफा,
दौलत शोहरत यहां मोती क्या चीज है,
तुझे पाने को छोरा मैंने ये जमाना रे,
कान्हा रे कान्हा रे कान्हा रे.....
श्रेणी : कृष्ण भजन
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कान्हा रे मैंने तुझे अपना माना रे लिरिक्स Kanha Re Maine Tujhe Apna Mana Re Lyrics, Krishna Bhajan, by Singer: Nav Kishore Nimai Das Ji
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