गिरीराज की शरण में हमें मिल गया ठिकाना
( तर्ज - मुझे रास आ गया है )
गिरिराज की शरण में, हमें मिल गया ठिकाना,
गिरिराज की तलहटी, नहीं छोड़ के है जाना,
गिरीराज की शरण में, हमें मिल गया ठिकाना....
गुरुदेव की कृपा से, गिरिराज वास पाया,
रहूं नित मगन मैं इनमे, आनंद हृदय समाया,
संतो का संग पा के, दिल हो गया दीवाना,
गिरीराज की शरण में, हमें मिल गया ठिकाना....
नहीं मोक्ष की है इच्छा, बैकुंठ मैं ना चाहूँ,
जब भी जनम मिले तो, गिरिराज वास पाऊं,
कहे “चित्र विचित्र” प्यारे, ना कभी हमें भूलाना,
गिरीराज की शरण में, हमें मिल गया ठिकाना....
गिरिराज की शरण में, हमें मिल गया ठिकाना,
गिरिराज की तलहटी, नहीं छोड़ के है जाना,
गिरीराज की शरण में, हमें मिल गया ठिकाना.....
श्रेणी : कृष्ण भजन
गिरिराज जी शुक्राना भजन - गिरिराज की शरण में हमें मिल गया ठिकाना | 6.1.2023 | गुरुग्राम | बृज भाव
गिरीराज की शरण में हमें मिल गया ठिकाना लिरिक्स Giriraaj Ki Sharan Mein Hume Mil Gaya Thikana Lyricss, Krishna Bhajan, by Singer: श्री चित्र विचित्र Ji
Note :- वेबसाइट को और बेहतर बनाने हेतु अपने कीमती सुझाव नीचे कॉमेंट बॉक्स में लिखें व इस ज्ञानवर्धक ख़जाने को अपनें मित्रों के साथ अवश्य शेयर करें।