गउरा हो गईलन बेहाल मैं क्या करूँ
हरदम औघड़दानी धूमियां रमइलन हो,
दिनरात गउरा से भंगिया पिसयलन हो
गउरा हो गईलन बेहाल मैं क्या करूँ.....
सुन्दर सुकुमारी गउरा अंगवा के पातर हो
गोरे बदन गउरा गुनमां के आगर हो
दिनभर कईलन सारी काज में क्या करूँ.....
काम करते गउरा जिआ अकुलाईल हो,
शिव जी से कहलन माइके चली जाईव हो,
भंगीया के छोड़ संग साथ मैं क्या करूँ,
गउरा हो गईंलन बेहाल में क्या करूं.....
मंगीया धतुरा खाई भोला मगन रहलन
कैलाश जाई के धूमियां रमावलन,
गउरा हो गइलन उदास मैं क्या करूँ.....
गउरा जे कहलन चुन्दरी हो लाद स्वामी,
चुन्दरी के हाल नहीं जानलन,
औघड़दानी मृग छाला लइलन साथ मैं क्या करु
गउरा हो गइलन उदास मैं क्या करूं.....
हरदम औघड़दानी धूमियां रमइलन हो,
दिनरात गउरा से भंगिया पिसयलन हो
गउरा हो गईलन बेहाल मैं क्या करूँ.....
श्रेणी : शिव भजन
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