डमरू बजेगा तो भोले गौरा नचेगी जरूर
गौरा नाचेगी जरूर
पिके भंगिया गौरा रानी डमरू बाजेगा जरूर
पिके भंगिया गौरा रानी डमरू बाजेगा जरूर
डमरू बाजेगा तो भोले गोरा नाचेगी जरूर
डमरू बाजेगा तो भोले गोरा नाचेगी जरूर।।
पीके भंगिया गौरा रानी डमरू बजेगा जरूर
डमरू बजेगा तो भोले गौरा नचेगी जरूर।।
जी भर के नचड़े गौरा आज मन्ने तू रोके ना
बांध बांध डमरू बजन दे बस आज मन्ने तू तोके ना।।
आया सावन का महिना मेरे छड रहा से सरूर
डमरू बजेगा तो भोले गौरा नचेगी जरूर।।
जबसे भोले भयाही आई मिला नहीं आराम हो
तेरी भंग के चक्कर में ना होता कुछ भी काम हो।।
तेरा फोडु कुंडी सोता डमरू करदु चकना चूर
भंगिया बस गई है नस में इस्मे मेरा क्या कसूर
डमरू बजेगा तो भोले गौरा नचेगी जरूर।।
रूठे मत ना गौरा रानी तू तो मेरी जान है
भंगिया और डमरू से मेरी भक्तो में पहचान है।।
भांग नहीं पीयवे तो नज़रो से हो जा दूर
डमरू बजेगा तो भोले गौरा नचेगी जरूर।।
तुम जीते मैं हरि भोले अब ना जिद लूंगी
सुबाह शमा तन्ने अपने हाथो घोट घोट भांग पीयॉन्गी।।
भीम सेन कहे म्हरे खेत में भंग खादी भरपुर
भोले जी भर के पीले भंगिया घोटुंगी जरूर
श्रेणी : शिव भजन