बांस की बांसुरिया पे घणो इतरावे
बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे,
कोई सोना की जो होती, हीरा मोत्यां की जो होती,
जाणे कांई करतो, कांई करतो,
बाँस की बाँसुरिया पे.....
जेल में जनम लेके घणो इतरावे,
कोई महलां में जो होतो, कोई अंगना में जो होतो,
जाणे कांई करतो कांई करतो,
बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे....
देवकी रे जन्म लेके घणो इतरावे,
कोई यशोदा के जो होतो, मां यशोदा के जो होतो,
जाणे कांई करतो कांई करतो,
बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे....
गाय को ग्वालो होके घणो इतरावे,
कोई गुरूकुल में जो होतो, कोई विद्यालय में जो होतो,
जाणे कांई करतो कांई करतो,
बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे....
गुजरया की छोरियां पे घणो इतरावे,
ब्राह्मण बनिया की जो होती, सेठ ठाकुरां की जो होती,
जाणे कांई करतो कांई करतो,
बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे....
सांवली सुरतिया पे घणो इतरावे,
कोई गोरो सो जो होतो, कोई सोणो सो जो होतो,
जाणे कांई करतो कांई करतो,
बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे....
माखन और मिश्री पे घणो इतरावे,
छप्पन भोग जो होतो, काजू मेवा जो होतो,
जाणे कांई करतो... कांई करतो,
बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे....
श्रेणी : कृष्ण भजन
बांस की बांसुरिया पे घणो इतरावे | Baans Ki Bansuriya Pe Ghano Itrave | Krishna Bhajan | Radha Bhajan
बांस की बांसुरिया पे घणो इतरावे लिरिक्स Baans Ki Bansuriya Pe Ghano Itrave Lyrics, Krishna Bhajan, by Singer: Upasana Mehta Ji
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