श्याम पालक भी है श्याम तारण भी है
श्याम नैया भी है, श्याम माझी भी है,
वो दयालु भी है, और मिजाजी भी है........
श्याम पालक भी है, श्याम तारण भी है,
श्याम कारण भी है, और निवारण भी है,
श्याम पग पग पे है, श्याम कण कण में है,
श्याम है प्रेम में, और समर्पण में है,
श्याम हारे हुए की, कहानी में है,
श्याम हर आँख से, बहते पानी में है.....
श्याम है गीत भी, श्याम है राग भी,
श्याम शीतल भी है, श्याम है आग भी,
श्याम है मौन भी, श्याम है शोर भी,
श्याम दातार है, श्याम चितचोर भी,
श्याम महफ़िल में है, श्याम तन्हाई में,
श्याम अर्जी में है, श्याम सुनवाई में,
श्याम ममता भी है, श्याम फटकार भी,
श्याम ही दर्द है, श्याम उपचार भी......
श्याम कार्तिक के रोशन, उजालों में है,
श्याम फागण की उड़ती, गुलालों में है,
श्याम भक्तों के उलझे, सवालों में है,
श्याम प्रेमी के पैरों के, छालों में है,
श्याम दरबार के, हर सवाली में है,
श्याम भजनों में है, श्याम ताली में है,
श्याम रजनी की हर, मुस्कराहट में है,
श्याम सोनू की हर, एक लिखावट में है.......
श्याम नैया भी है, श्याम माझी भी है,
वो दयालु भी है, और मिजाजी भी है..........
श्रेणी : कृष्ण भजन
Shyam Naiya Bhi Hai॥ श्याम नईया भी है ॥ rajni rajasthani
श्याम पालक भी है श्याम तारण भी है लिरिक्स Shyam Palak Bhi Hai Shyam Taran Bhi Hai Lyrics, Krishna Bhajan, by Singer: Rajni Rajasthani Ji
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