सरस्वती वंदना
रवि-रुद्र-पितामह-विष्णु-नुतं
हरि-चन्दन-कुंकुम-पंक-युतम्
मुनि-वृन्द-गजेन्द्र-समान-युतं
तव नौमि सरस्वति! पाद-युगम्
शशि-शुद्ध-सुधा-हिम-धाम-युतं
शरदम्बर-बिम्ब-समान-करम्
बहु-रत्न-मनोहर-कान्ति-युतं
तव नौमि सरस्वति! पाद-युगम्
कनकाब्ज-विभूषित-भीति-युतं
भव-भाव-विभावित-भिन्न-पदम्
प्रभु-चित्त-समाहित-साधु-पदं
तव नौमि सरस्वति! पाद-युगम्
भव-सागर-मज्जन-भीति-नुतं
प्रति-पादित-सन्तति-कारमिदम्
विमलादिक-शुद्ध-विशुद्ध-पदं,
तव नौमि सरस्वति! पाद-युगम्
मति-हीन-जनाश्रय-पारमिदं
सकलागम-भाषित-भिन्न-पदम्
परि-पूरित-विशवमनेक-भवं
तव नौमि सरस्वति! पाद-युगम्
परिपूर्ण-मनोरथ-धाम-निधिं,
परमार्थ-विचार-विवेक-विधिम्
सुर-योषित-सेवित-पाद-तमं,
तव नौमि सरस्वति! पाद-युगम्
सुर-मौलि-मणि-द्युति-शुभ्र-करं
विषयादि-महा-भय-वर्ण-हरम्
निज-कान्ति-विलायित-चन्द्र-शिवं
तव नौमि सरस्वति! पाद-युगम्
गुणनैक-कुल-स्थिति-भीति-पदं,
गुण-गौरव-गर्वित-सत्य-पदम्।
कमलोदर-कोमल-पाद-तलं,
तव नौमि सरस्वति! पाद-युगम्
रवि-रुद्र-पितामह-विष्णु-नुतं
हरि-चन्दन-कुंकुम-पंक-युतम्
श्रेणी : दुर्गा भजन
Saraswati Vandana - Ravi Rudra Pitamah Vishnu Nutam | सरस्वती वंदना | Devotional Song |Rajshri Soul
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