पूछ रही तुलसा बताओ गिरधारी
( बोली वृंदावन बिहारी लाल की जय....
जय हो.....
तुलसा मैया की जय हो..... )
पूछ रही तुलसा बताओ गिरधारी,
मैं लगु प्यारी या बंसी है प्यारी ।
मधुबन में तूने बांसुरी बजाई,
सब सखियां घर-घर से बुलाई,
सखियों की यारी लगे तुमको प्यारी,
मैं लगु प्यारी या बंसी है प्यारी ।
गोकुल में छुप छुप के माखन चुरायो,
ग्वाल वाल सं ग मिल बाँट के खायो ।
अच्छी लगे तुझे ग्वालों की यारी,
मैं लगु प्यारी या बंसी है प्यारी ।
सारा बृज ढूंढ़ा वृंदावन में छिप गए,
हमसे क्यों रहते हो दूर दूर हट के,
दर्शन को प्यासी है अखियां हमारी
मैं लगु प्यारी या बंसी है प्यारी ।
यमुना तट पर चीर चुराए,
कदम डाल पर चढ़कर दिखाएं,
सखियों को भावे शरारत तुम्हारी,
मैं लगु प्यारी या बंसी है प्यारी ।
निधिवन में कान्हा रास रचाए
खुद नाचें और सबको नाचये,
हमको क्यों भूल गए गिरधारी,
मैं लगु प्यारी या बंसी है प्यारी ।
श्रेणी : कृष्ण भजन
कृष्ण भजन | पूछ रही तुलसा बताओ गिरधारी मैं लगूँ प्यारी या बांसुरी है प्यारी | Sheela Kalson
पूछ रही तुलसा बताओ गिरधारी लिरिक्स Pucch Rahi Tulsa Batao Girdhaari Lyrics, Krishna Bhajan, by Singer: Sheela Kalson Ji
Note :- वेबसाइट को और बेहतर बनाने हेतु अपने कीमती सुझाव नीचे कॉमेंट बॉक्स में लिखें व इस ज्ञानवर्धक ख़जाने को अपनें मित्रों के साथ अवश्य शेयर करें।