मैं बंजारा श्याम का घुमु देश परदेश
मैं बंजारा श्याम का घुमु देश परदेश
मेरे साथ साथ में हर दम चलता है खाटू नरेश....
इक झोला कंधे पे जिस में श्याम भजन की पोथी है
इस पोथी में श्याम नाम के कितने हीरे मोती है
जब श्याम दीवाने मिलते उन्हें करता हु मैं पे
मैं बंजारा श्याम का घुमु देश परदेश....
आज याहा कल वाहा ठिकाना इस नगरी कभी उस नगरी,
जाऊ याहा वही मिलती है श्याम की बगियाँ हरी भरी
जो श्याम शरण में रेहते उन्हें कोई नही कलेश
मैं बंजारा श्याम का घुमु देश परदेश......
नित नया दरबार लगा कर मिलता श्याम सलोना है
नए नए रूपों में मुज्पे करता जादू टोना है
मुझको दर्शन देता है मुझको बदल बदल के वेश
मैं बंजारा श्याम का घुमु देश परदेश....
जीवन में रंग बरने वाले कारीगर को क्या दू मैं,
दिल भी इसका जान भी इसकी इसके लिए क्या त्यागु मैं
बीनू पर दृष्टि दया की ये रखता नित हमेश
मैं बंजारा श्याम का घुमु देश परदेश....
श्रेणी : खाटू श्याम भजन
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मैं बंजारा श्याम का घुमु देश परदेश लिरिक्स Main Banjara Shyam Ka Ghumu Desh Pardesh Lyrics, Khatu Shyam Bhajan, by Upasana Mehta Ji
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