कृपा की न होती जो आदत तुम्हारी
मैं रूप तेरे पर आशिक हूँ
यह दिल तो तेरा हुआ दीवाना
ठोकर खाई दुनियाँ में बहुत
मुझे द्वार से अब न ठुकराना
हर तरह से तुम्हारा हुआ मैं तो
फिर क्यों तुमको मैं बेगाना
मुझे दरस दिखा दो नंद लाला
नहीं तो दर तेरे पर मर जाना
कृपा की न होती जो आदत तुम्हारी
तो सूनी ही रहती अदालत तुम्हारी
गोपाल सहारा तेरा है
हे नंद लाल सहारा तेरा है
मेरा और सहारा कोई नहीं
गोपाल सहारा तेरा है
हे नंद लाल सहारा तेरा है
ओ दीनो के दिल में जगह तुम न पाते
तो किस दिल में होती हिफाजत तुम्हारी
कृपा की न होती जो
ग़रीबों की दुनियाँ है आबाद तुमसे
ग़रीबों से है बादशाहत तुम्हारी
कृपा की न होती जो
न मुल्जिम ही होते न तुम होते हाकिम
न घर-घर में होती इबादत तुम्हारी
कृपा की न होती जो
तुम्हारी ही उल्फ़त के द्रिग ‘बिन्दु’ हैं यह
तुम्हें सौंपते है अमानत तुम्हारी
कृपा की न होती जो
श्रेणी : खाटू श्याम भजन
Kripa Ki Na Hoti Jo Aadat Tumhari || कृपा की न होती जो आदत तुम्हारी || Vinod Agarwal Best Bhajan
कृपा की न होती जो आदत तुम्हारी लिरिक्स Kripa Ki Naa Hoti Jo Aadat Tumhari Lyrics, Khatu Shyam Bhajan, by Singer: Vinod Agarwal Ji
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