कुण सी घड़ी मं थांसै आँख लड़ाई
तर्ज़ - सारी-सारी रात तेरी याद सताये
कुण सी घड़ी मं थांसै आँख लड़ाई,
आँख लड़ाई थारी, याद भोत आई ।।
दिल को खजानों मेरो खोल कै दिखायो मैं
जाण कै जुलम करयो, रोग यो लगायो मैं,
हिवड़ो लगाकै थांसै, बड़ी चोट खाई ।।
कुण सी घड़ी मं थांसै आँख....
बांसरी की तान तेरी, लेय गई लूट कै,
कई टूक हो गया, काळजै का टूट कै,
बांकी लटक तेरी, मेरै मन भाई ।।
कुण सी घड़ी मं थांसै आँख....
मोल दरद लियो, ग्वालियै सैं फंस कै,
मन्नै कांई बेरो मन्नै, मार गयो हँस कै,
तूं ही कन्हैया मेरै, दिल की दवाई ।।
कुण सी घड़ी मं थांसै आँख....
प्रीत खिड़कियां सैं, कदे झांक जायै तूं,
भूल नहीं जाऊँ तेरी, याद दुवाये तूं,
मतना तूं जाणै मेरी, पीड़ पराई ।।
कुण सी घड़ी मं थांसै आँख....
श्यामबहादुर 'शिव', दरबान दर को,
साथी है तूं ही मेरै, लम्बै सफर को,
सदियां सैं दाता थारी, हाजरी बजाई ।।
कुण सी घड़ी मं थांसै आँख....
श्रेणी : कृष्ण भजन
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