कलकत्ते से रेल चली है रेल चली है
कलकत्ते से रेल चली है हो,
कलकत्ते से रेल चली है रेल चली है,
दिलवालों की मैंने पहना चोला काली का.....
लोहे का तो पुल बनवाया पुल बनवाया,
जाली का मैंने पहना धम धम करती,
आई मेरी मैया हो,
धम धम करती आई मेरी मैया,
मैया हो गई मतवाली मैंने पहना....
खाने को मांगें लौंग बतासे हो,
खाने को मांगें लौंग,,,
बतासे पीने को प्याला,
मदिरा का मैंने पहना,,
लौंग बतासे खाके मैया हो,
लौंग बतासे खाके मैया,
मैया हो गई मतवाली मैंने पहना.......
हाथ में खप्पर मुंडो की माला हो,
हाथ में खप्पर मुंडो की माला,
मैया हो गई विक्राली मैंने पहना....
दुष्टों का संघार कराया हो,
दुष्टों का संघार कराया,
जीभ निकाली मैया ने मैंने पहना,
सब भक्तों को दर्शन दे गई हो,
सब भक्तों को दर्शन दे गई,,, शोर मचा गई,
मौहल्ले में मैंने पहना चोला काली का....
कलकत्ते से रेल चली है रेल चली है,
दिलवालों की मैंने पहना चोला काली का.......
श्रेणी : दुर्गा भजन
काली मां भजन पर झूमें भक्त💃छम छम करती आई मेरी मैया मैंने ओढ़ा चोला काली का💃
कलकत्ते से रेल चली है रेल चली है लिरिक्स Calcutte Se Rail Chali Hai Hai Rail Chali Hai Lyrics, Durga Bhajan, by ytkrishnabhakti
Note :- वेबसाइट को और बेहतर बनाने हेतु अपने कीमती सुझाव नीचे कॉमेंट बॉक्स में लिखें व इस ज्ञानवर्धक ख़जाने को अपनें मित्रों के साथ अवश्य शेयर करें।