दरस तेरे जो पाए तो कुछ हिम्मत हुई
तर्ज़ :- बाबा तुमसा दयालु देव दूजा नही है
दरस तेरे जो पाए तो कुछ हिम्मत हुई है,
बताए कैसे तुझको जुबा खुलती नहीं है।
दरस तेरे जो पाए....
सुना कलिकाल में तो बनोगे तुम सहारा,
करोगे रक्षा उसकी तुम्हे जिसने पुकारा,
सजा अब दे तो कैसे, समझ आती नहीं है,
बताए कैसे तुझको जुबां खुलती नहीं है।
दरस तेरे जो पाए तो कुछ हिम्मत हुई है,
बताए कैसे तुझको जुबा खुलती नहीं है।
दरस तेरे जो पाए....
समझ पावो तो समझो दुखी,दर्दी की बाते,
हुआ है चाक सीना,लगी घातों पे घाते,
दिखाए तुमको कैसे,नजर आती नही है,
बताए कैसे तुझको जुबां खुलती नहीं है।
दरस तेरे जो पाए तो कुछ हिम्मत हुई है,
बताए कैसे तुझको जुबा खुलती नहीं है।
दरस तेरे जो पाए....
मेरी नादानियो को, कन्हैया माफ़ करना,
मैं नैया तू खिवैया, सोच इंसाफ करना,
सताए हमको ऐसे, लाज आती नहीं है,
बताए कैसे तुझको, जुबां खुलती नहीं है।
दरस तेरे जो पाए, तो कुछ हिम्मत हुई है,
बताए कैसे तुझको जुबा खुलती नहीं है।
दरस तेरे जो पाए....
टपकते आंसूओं से, सुनो मेरी कहानी,
उबारो श्याम मेरे, कौन तुमसा है दानी,
नंदू पीड़ा हृदय से, सही जाती नहीं है,
बताए कैसे तुझको, जुबां खुलती नहीं है।
दरस तेरे जो पाए, तो कुछ हिम्मत हुई है,
बताए कैसे तुझको, जुबा खुलती नहीं है।
श्रेणी : कृष्ण भजन

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