चाहे जैसे मुझे ऱख लो कुछ ना कहूँगा मैं
चाहे जैसे मुझे ऱख लो कुछ ना कहूँगा मैं
तेरा ही था तेरा ही हूँ तेरा रहूँगा मैं
चाहे जैसे मुझे ऱख लो कुछ ना कहूंगा मैं
तुम्हारें नाम का मोती ही मेरी दौलत है
ये रूतबा और ये शौहरत भी तेरी बदौलत है
तू है साग़र मैं हूँ कतरा तुझ सँग बहूँगा मैं
तू है साग़र मैं हूँ कतरा तुझ सँग बहूँगा मैं
चाहे जैसे मुझे ऱख लो कुछ ना कहूंगा मैं
मेरा मन अब नहीं लगता है जग की बातों में
अपनी उँगली थमां दी मैंने तेरे हाथों में
जिस तरफ ले चलो मुझको वहीँ चलूँगा मैं
जिस तरफ ले चलो मुझको वहीँ चलूँगा मैं
चाहे जैसे मुझे ऱख लो कुछ ना कहूंगा मैं
ग़म की राते लगेंगी जैसे सुख का सवेरा है
बस तू इक बार जो कह दे की हाँ तू मेरा है
फिर तो हर एक सितम हँसकर ही सहूँगा मैं
फिर तो हर एक सितम हसकर ही सहूँगा मैं
चाहे जैसे मुझे ऱख लो कुछ ना कहूंगा मैं
जिसकी अटकी है जान तुझमे मैं वो परिन्दा हूँ
तू मेरे साथ है इस आस पे मैं जिन्दा हूँ
सोनू की आस जो टूटी तो जी ना सकूँगा मैं
चाहे जैसे मुझे ऱख लो कुछ ना कहूंगा मैं
चाहे जैसे मुझे ऱख लो कुछ ना कहूंगा मैं
तेरा ही था तेरा ही हूँ तेरा रहूँगा मैं
चाहे जैसे मुझे ऱख लो कुछ ना कहूंगा मैं
श्रेणी : कृष्ण भजन
चाहे जैसे मुझे रख लो , Chahe Jaise Mujhe Rakh Lo , देवी चित्रलेखा जी
चाहे जैसे मुझे ऱख लो कुछ ना कहूँगा मैं लिरिक्स Chahe Jaise Mujhe Rakh Lo Kuch Na Kahunga Main Lyrics, Krishna Bhajan, by Singer: Devi Chitralekha Ji
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