यह प्रेम सदा भरपुर रहे
यह प्रेम सदा भरपूर रहे,
हनुमान तुम्हारे चरणो में,
यह अर्ज मेरी मंजूर रहे,
हनुमान तुम्हारे चरणो में।।
निज जीवन की यह डोर तुम्हे,
सौंपी है दया कर इसको धरो,
उद्धार करो ये दास पड़ा,
हनुमान तुम्हारे चरणों में,
यह प्रेम सदा भरपुर रहे,
हनुमान तुम्हारे चरणो में।।
संसार में देखा सार नहीं,
तब ही चरणों की शरण गहि,
भवबंध कटे यह विनती है,
हनुमान तुम्हारे चरणों मै
हनुमान तुम्हारे चरणों में,
यह प्रेम सदा भरपुर रहे,
हनुमान तुम्हारे चरणो में।।
आँखों में तुम्हारा रूप रमे,
मन ध्यान तुम्हारे में मगन रहे,
धन अर्पित निज सब कर्म करे,
हनुमान तुम्हारे चरणों में,
यह प्रेम सदा भरपुर रहे,
हनुमान तुम्हारे चरणो में।।
वह शब्द मेरे मुख से निकले,
मेरे नाथ जिन्हे सुनकर पिघले,
‘देवेंद्र’ ‘राघवेंद्र’ के भाव ऐसे रहे,
हनुमान तुम्हारे चरणों में,
यह प्रेम सदा भरपुर रहे,
हनुमान तुम्हारे चरणो में।।
यह प्रेम सदा भरपूर रहे,
हनुमान तुम्हारे चरणो में,
यह अर्ज मेरी मंजूर रहे,
हनुमान तुम्हारे चरणो में।।
श्रेणी : हनुमान भजन
Hanuman Bhajan | Hanuman Tumhare Charno Me | हनुमान तुम्हारे चरणों मे | Balaji | Devendra Pathak Ji
यह प्रेम सदा भरपुर रहे हनुमान तुम्हारे चरणो में लिरिक्स Yah Prem Sada Bharpur Rahe Hanuman Tumhare Charno Mein Lyrics, Hanuman Bhajan, by Singer: Devendra Pathak Ji
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