तरेगा वही जिसके मन में हरि है
तरेगा वही जिसके मन में हरी है
मन में हरी है मन में हरी है.....
चंदन को लगाने वाले कौन कौन तर गए
सर्प क्यों नहीं तर गया जिसका चंदन में ही घर है
तरेगा वही जिसके मन में हरी है
मन में हरी है मन में हरी.......
गंगा में नहाने वाले कौन कौन तर गए
मछली क्यों नहीं तर गई जिसका गंगा में ही घर है
तरेगा वही जिसके मन में हरी है
मन में हरी है मन में हरी.........
फूलों को चढ़ाने वाले कौन कौन तर गए
भंवरा क्यों ना तर गया जिसका फूलों मै ही घर है
तरेगा वही जिसके मन में हरी है
मन में हरी है मन में हरी..........
लड्डू को बनाने वाले कौन कौन तर गए
मक्खी क्यों ना तर गई जिसका लड्डू में ही घर है
तरेगा वही जिसके मन में हरी है
मन में हरी है मन में हरी........
पूजा को कराने वाले कौन कौन तर गए
न तर गया जिसका मंदिर में ही घर है
तरेगा वही जिसके मन में हरी है
मन में हरी है मन में हरी.........
श्रेणी : कृष्ण भजन
तरेगा वही जिसके मन में हरि है | Tarega Vahi Jiske Man Mein Hari Hai | Sheela Kalson (With Lyrics)
तरेगा वही जिसके मन में हरि है लिरिक्स Tarega Vahi Jiske Man Mein Hari Hai Lyrics, Krishna Bhajan, by Singer: Sheela Kalson Ji
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