मेरी री सास के पांच पुतर थे
मेरी री सास के पांच पुत्र थे,
दो देवर दो जेठ सुनियो,
मेरी री सास के पांच पुत्र थे,
दो देवर दो जेठ सुनियो ।
मेरे री करम मे बावलिया लिखा था,
वो भी गया परदेश सुनियो,
मेरे री करम मे बावलिया लिखा था,
वो भी गया परदेश सुनियो ।
बारह री बरस मे बावलिया घर आया,
बारह री बरस मे बावलिया घर आया,
बरसै मूसलधार सुनियो,
बरसै मूसलधार सुनियो ।
मेरा तो ल्याया घूम घाघरा,
मेरा तो ल्याया घूम घाघरा,
अपणी ल्याया पतलून सुनियो,
अपणी ल्याया पतलून सुनियो ।
मेरी री सास के पांच पुत्र थे,
मेरी री सास के पांच पुत्र थे,
दो देवर दो जेठ सुनियो,
दो देवर दो जेठ सुनियो ।
सास भी सोगी सुसरा भी सो गया,
सास भी सोगी सुसरा भी सो गया,
चौबारे बिछा लाई खाट सुनियो,
चौबारे बिछा लाई खाट सुनियो ।
मैं भी सो गया बावलिया भी सो गया,
मैं भी सो गया बावलिया भी सो गया,
घर म बड़ गए चोर सुनियो,
घर म बड़ गए चोर सुनियो ।
मेरी री सास के पांच पुत्र थे,
मेरी री सास के पांच पुत्र थे,
दो देवर दो जेठ सुनियो,
दो देवर दो जेठ सुनियो ।
मेरा तो ले गए घूम घाघरा,
मेरा तो ले गए घूम घाघरा,
बावलिये की ले गए पतलून सुनियो,
बावलिये की ले गए पतलून सुनियो ।
मैं तो रोई सुबक सुबक के,
मैं तो रोई सुबक सुबक के,
बावलिये न मारी किलकार सुनियो,
बावलिये न मारी किलकार सुनियो ।
मेरी सास के पांच पुत्र थे,
मेरी सास के पांच पुत्र थे,
दो देवर दो जेठ सुनियो,
दो देवर दो जेठ सुनियो ।
मन्नै तो जगाई अपनी देवराणी जेठाणी,
मन्नै तो जगाई अपनी देवराणी जेठाणी,
बावलिये न सारा गाम सुनियो,
बावलिये न सारा गाम सुनियो ।
मेरी री सास के पांच पुत्र थे,
मेरी री सास के पांच पुत्र थे,
दो देवर दो जेठ सुनियो,
दो देवर दो जेठ सुनियो ।
मेरे री करम मे बावलिया लिखा था,
वो भी गया परदेश सुनियो,
मेरे री करम मे बावलिया लिखा था,
वो भी गया परदेश सुनियो ।
श्रेणी : हरयाणवी भजन
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