मेरी होरी जात बिरान
( प्यारे श्रोताओं
जब हरनंदी की सास नहीं मानती
और वह उसको जबरदस्ती,
भात नयोत्ने के लिए भेज देती है,
हरनंदी अपने घर जाती है,
और उसका वहां पिता नहीं मिलता,
और हरनंदी भात नैयोत् कर घर वापस चली जाती है,
जब बाद मे नरसी आता है, तो उसको पता चलता है की,
हरनंदी आई थी, और भात की थाली रख कर गई है,
तो उसने अपने मन में बड़ा अफसोस किया,
हे गोपाल आज मेरी माटी पलीत होने जा रही है )
मेरी होरी जात बिरान्, तन्ने के भगवान पता कोन्या,
मेरी होरी जात बिरान्, तन्ने के भगवान पता कोन्या,
ओ हरनंदी के भरणा भात, तन्ने के भगवान पता कोन्या,
हो मेरी होरी जात बिरान्, तन्ने के भगवान पता कोन्या,
ओ मुरली वाले, कब तू सुनेगा मेरी..........
टूटे फूटे घर मैं गेरया, धरती मैं मैंने ला लिया डेरा,
सोवण नैं ना मिले खाट, तन्ने के भगवान पता कोन्या,
हो मेरी होरी जात बिरान्, तन्ने के भगवान पता कोन्या,
लड़ जायेँगे मेरे भीरण तैतईए,
माक्खी, माछर, बिच्छु जाइये,
मैं तो खुद होरया परेशांन, तन्ने के भगवान पता कोन्या,
हो मेरी होरी जात बिरान्, तन्ने के भगवान पता कोन्या,
( नरशि जी कहते है, भगवान् तूने मुझे जो दे रखा है,
मैं उसी में खुश हूँ, अब मेरी जात को बिरान मत करो,
मैं आपका दीवाना हो चुका हूँ,
जो आपक मुझे बासी कुस्सी टुकड़ा देते हो,
मैं उसी में ही गुजर बसर कर लेता हूँ,
आगे नरसी जी क्या कहते है )
बस्सी खिचड़ी खाटी लस्सी, जब मैंने हो ज्या खासी,
यो जग जीम पकवान, तन्ने के भगवान पता कोन्या,
हो मेरी होरी जात बिरान्, तन्ने के भगवान पता कोन्या,
ओ मुरली वाले, कब तू सुनेगा मेरी....
सोल्या साधु मेरे संग मैं, कपड़े रंग लिए तेरे रंग में,
हो रे कति बिरान्, तन्ने के भगवान पता कोन्या,
हो मेरी होरी जात बिरान्, तन्ने के भगवान पता कोन्या,
( नरशि जी कहते है,
भगवान् ये जो भात का न्योता आया है,
मेरे पास एक फूटी कौड़ी भी नहीं है,
मैं कैसे अपनी इज्जत बचउँ
आप ही मेरे नैया के खीव्या हो,
हे कृष्ण भगवान, मेरी पुकार सुनो,
मेरा उद्धार करो )
ईब मेरे यो भात का मौका, मेरे घर में आर्या टोटा,
ताने मारे यो जगत जहान, तन्ने के भगवान पता कोन्या,
हो मेरी होरी जात बिरान्, तन्ने के भगवान पता कोन्या,
ओ मुरली वाले, कब तू सुनेगा मेरी....
हो कृष्ण कृष्ण करता फिरया, बेरा ना वो कड़े डिगर गया,
वो कित जाके सो गया पड़ गया, तन्ने के भगवान पता कोन्या,
हो मेरी होरी जात बिरान्, तन्ने के भगवान पता कोन्या,
ओ मुरली वाले, कब तू सुनेगा मेरी....
ओ हरनंदी के भरणा भात, तन्ने के भगवान पता कोन्या,
ओ हरनंदी के भरणा भात, तन्ने के भगवान पता कोन्या,
हो मेरी होरी जात बिरान्, तन्ने के भगवान पता कोन्या,
हो मेरी होरी जात बिरान्, तन्ने के भगवान पता कोन्या,
श्रेणी : सत्संगी भजन
हरनन्दी का भात | मेरी होरी जात बिरान तनै के भगवान पता कोन्या |Bhat Geet |Narsi Ka Bhat (With Lyrics)
मेरी होरी जात बिरान तनै के भगवान पता कोन्या लिरिक्स Meri Ho Rahi Jaat Biran Lyrics, Satsangi Bhajan, by Singer: Meenakshi Mukesh Ji
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