भोला बन जाओ भोली घूंघट निकाल के
एक लहरीदार चुनरी माथे पर डाल के,
भोला बन जाओ भोली घूंघट निकाल के...
कान में कुंडल बिच्छू वाला गले सर्पों की माला,
कहाँ छुपाओ भोले बाबा काला नाग तुम्हारा,
इन सब को रखना पिया झोली में डाल के,
भोला बन जाओ भोली घूँघट निकाल के,
एक लहरीदार चुनरी माथे पे डाल के..........
सब तो छिपा है कहाँ छिपेगा गंगा जी का पानी,
मर्दानी आवाज पिया तुम कैसे करो जनानी,
पकड़े न जाओ कहीं मर्दानी चाल पे,
भोला बन जाओ भोली घूँघट निकाल के,
एक लहरीदार चुनरी माथे पे डाल के.........
पकड़ी कलाई मोहन ने जब भोलेनाथ शरमाए,
सब तो आए बिन घुंघट तुम घुंघट में क्यों आए,
मुखड़ा दिखा दो गोरी घुंघटा उठा के,
भोला बन जाओ भोली घूंघट निकाल के......
सर से सरकी है जब साड़ी बनवारी मुस्काए,
उसी दिना से भोले बाबा गोपेश्वर कहलाए,
भोले और कान्हा दोनों लगते कमाल के,
भोला बन जाओ भोली घूंघट निकाल के....
श्रेणी : शिव भजन

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