तेरे द्वार का आसरा चाहती हूँ लिरिक्स Tere Dwar Ka Aasara Chahati Hu Lyrics Khatu Shyam Bhajan
तेरे द्वार का आसरा चाहती हूँ,
गिला कर रही हूँ, सिला चाहती हूँ,
तेरे द्वार का आसरा चाहती हूँ....
तेरे प्यार में माँ ये दुनियां भुला कर,
दुनिया तो क्या माँ ये जीवन भुला कर,
राहों में तेरी पलकें बिछा कर,
तुम्हें रात दिन, देखना चाहती हूँ,
गिला कर रही हूँ, सिला चाहती हूँ,
तेरे द्वार का आसरा चाहती हूँ.....
जो सपनों में आओ तो हम जान जाएं,
तुम्हारे बिना अब जिया नहीं जाए,
आँखें ये छम छम नीर बहाए,
तेरे दीद की, एक झलक चाहती हूँ,
गिला कर रही हूँ, सिला चाहती हूँ,
तेरे द्वार का आसरा चाहती हूँ....
झूठे जगत की यह झूठी कहानी,
चरणों में तेरे कहे ज़िंदगानी,
नज़दीक रहना बड़ी मेहेरबानी,
चरणों में तेरे, पनाह चाहती हूँ,
गिला कर रही हूँ, सिला चाहती हूँ,
तेरे द्वार का आसरा चाहती हूँ.....
थक में गयी माँ तुम्हें याद करके,
जीवन में गुज़ारे माँ फरियाद करके,
कहीं मर न जाऊं यु ही आस करके,
इक आखिरी, इक आखिरी,
इल्तिज़ा चाहती हूँ,
गिला कर रही हूँ, सिला चाहती हूँ,
तेरे द्वार का आसरा चाहती हूँ......
श्रेणी : दुर्गा भजन
MATA KE BHAJAN||तेरे द्वार का आसरा चाहती हूँ ||MAA BHAJAN BY || SD||
तेरे द्वार का आसरा चाहती हूँ लिरिक्स Tere Dwar Ka Aasara Chahati Hu Lyrics, Durga Bhajan, Devotional Bhajan, by Sarala Dahiya Ji
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