सीता सीता पुकारे प्रभु जी वन में लिरिक्स Seeta Seeta Pukare Prabhu Ji Van Mein Lyrics Ram Bhajan
सीता सीता पुकारें प्रभु वन में,
कभी कलियों में ढूढे कभी उपवन में,
सीता सीता पुकारें प्रभु वन में.....
पूछे पेड़ों से प्रभु जी सीता देखी है,
कभी पत्तों से पूछे फूल जैसी है,
ऐसी ज्वाला जले मेरे तन मन में,
सीता सीता पुकारें प्रभु वन में.....
बोलो बोलो रे पहाड़ो बोलो झरना नदी,
मेरी जनक दुलारी तुमने देखी है कहीं,
उसे खोजें कहाँ बड़ी उलझन में,
सीता सीता पुकारें प्रभु वन में.....
मिले सीता के आभूषण प्रभु को पथ में,
जिन्हें फेंके थे सीता ने बांध भू तल में,
कभी हाथों में रखें कभी नयन में,
सीता सीता पुकारें प्रभु वन में......
कहा लक्ष्मण से प्रभु जी जरा अनमानो,
क्या ये सीता के आभूषण ज़रा पहचानो,
थोड़ा संशय सा है भैया मेरे मन में,
सीता सीता पुकारें प्रभु वन में.....
कहा लक्ष्मण ने "राजेंद्र" कैसे समझाऊ,
माँ की देखी न मूरत कैसे बतलाऊँ,
सदा ध्यान रहा माँ के चरणों में,
सीता सीता पुकारें प्रभु वन में......
श्रेणी : राम भजन
सीता सीता पुकारें प्रभु वन में,कभी कलियों ढूढ़ें कभी उपवन में by rajendra prasad soni
सीता सीता पुकारे प्रभु जी वन में लिरिक्स Seeta Seeta Pukare Prabhu Ji Van Mein Lyrics, Ram Bhajan, by Rajandra Prasad Soni Ji
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