अमिया झरे निराधार धार पर संत रमे लिरिक्स Amiya Jhare Niradhar Dhar Par Sant Rame Lyrics Vividh Bhajan
अमिया झरे निराधार, धार पर संत रमे,
'किने केऊ मनड़ा री बात, संत कोई सांभले,
अमिया झरें निराधार, धार पर संत रमे......
पकड़ चम्पा री डाल, सुहागन क्यूं खड़ी,
कई थारो पीयो परदेश, काई थारी सासु लड़ी,
अमिया झरें निराधार, धार पर संत रमे......
पियाजी सिधाया सतलोक, संदेशों लिया खड़ी,
चालियो जा मुरख गिवार, तुझे मेरी क्या पड़ी,
अमिया झरें निराधार, धार पर संत रमे......
पियाजी सीधाया सतलोक, तुझे कई कह गया,
झड़ गया बजड़ किवाड़, कुच्या संग ले गया,
अमिया झरें निराधार, धार पर संत रमे......
दोय दोय दिवला संजोय, पिलंग पर पोडती,
पिया बिना सुनी लागे सेज, नेन भर रोवती,
अमिया झरें निराधार, धार पर संत रमे......
धरण गगन के बीच, भवे दोय पंखिया,
गुरु मिलना रो जोग, 'फरूखे डावी अंखिया,
अमिया झरें निराधार, धार पर संत रमे......
मान सरोवर तीर, हंस आया पांवणा,
कह गया साहिब कबीर, भंवर नहीं आवणा,
अमिया झरें निराधार, धार पर संत रमे......
अमिया झरे निराधार, धार पर संत रमे,
किने केऊ मनड़ा री बात, संत कोई सांभले,
अमिया झरें निराधार, धार पर संत रमे.......
श्रेणी : विविध भजन
अमिया झरे निराधार धार पर संत रमे || देशी संत महिमा भजन || Mahesh Lohar || New Bhajan 2022
अमिया झरे निराधार धार पर संत रमे लिरिक्स Amiya Jhare Niradhar Dhar Par Sant Rame Lyrics, vividh Bhajan, by Mahesh Lohar Ji
Note :- वेबसाइट को और बेहतर बनाने हेतु अपने कीमती सुझाव नीचे कॉमेंट बॉक्स में लिखें व इस ज्ञानवर्धक ख़जाने को अपनें मित्रों के साथ अवश्य शेयर करें।