तिरलोकी को नाथ जाट को लिरिक्स Triloki Ko Naath Jat Ko Ban Gyo Bhajan Lyrics Khatu Shyam Bhajan
कुण जाणे या माया श्याम की,
अजब निराली रे,
तिरलोकी को नाथ जाट को,
बण गयो हाळी रे।।
सौ बीघा को खेत जाट को,
श्याम भरोसे खेती रे,
आधा में तो गेहूँ चणा और,
आधा में दाणा मैथी रे,
बिना बाड़ को खेत जाट को,
श्याम रूखाळी रे,
तिरलोकी को नाथ जाट को,
बण गयो हाळी रे।।
भूरी भैंस चमकणी जाट के,
दो छेरा दो नारा रे,
बिना बाढ़ को बाड़ो जा में,
बांधे न्यारा न्यारा रे,
आवे चोर जब ऊबो दिखे,
काढ़े गाली रे,
तिरलोकी को नाथ जाट को,
बण गयो हाळी रे।।
जाट जाटणी निर्भय सोवे,
सोवे छोरा छोरी रे,
श्याम धणी पहरे के ऊपर,
कईयाँ होवे चोरी रे,
चोर लगावे नित की चक्कर,
जावे खाली रे,
तिरलोकी को नाथ जाट को,
बण गयो हाळी रे।।
बाजरे की रोटी खावे,
ऊपर घी को लचको रे,
पालक की तरकारी सागे,
भरे मूली को बटको रे,
छाछ राबड़ी करे कलेवो,
भर भर थाली रे,
तिरलोकी को नाथ जाट को,
बण गयो हाळी रे।।
सोहनलाल लोहाकर बोले,
यो घर भक्ता के जावे रे,
धावलिये री ओल बैठ कदे,
श्याम खीचड़ो खावे रे,
भक्ता के संग नाचे गावे,
दे दे ताली रे,
तिरलोकी को नाथ जाट को,
बण गयो हाळी रे।।
कुण जाणे या माया श्याम की,
अजब निराली रे,
तिरलोकी को नाथ जाट को,
बण गयो हाळी रे।।
कुण जाणे या माया श्याम की अजब निराली रे भजन
श्रेणी : खाटु श्याम भजन
Triloki Ko Naath Jat Ko Ban Gyo | Khatu Shyam Bhajan 2014 | PAPPU SHARMA | Rajasthani Devotional
तिरलोकी को नाथ जाट को लिरिक्स Triloki Ko Naath Jat Ko Ban Gyo Bhajan Lyrics, Khatu Shyam Bhajan, by Pappu Sharma Ji
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