तेरे नाम का सुमिरन करता रहुं लिरिक्स Tere Naam Ka Sumiran Karta Rahun Bhajan Lyrics Ganesh Bhajan
कुछ और नहीं चाहत मेरी, तेरे नाम का सुमिरन करता रहूं,
हे गणपति बप्पा करना कृपा, मैं नाम तुम्हारा जपते रहूं,
कुछ और नहीं चाहत मेरी, तेरे नाम का सुमिरन करता रहूं.....
एकदंत हे करुणाकर बल बुद्धि के स्वामी हो,
तुम तीनो लोक में सब का संकट हरने वाले ज्ञानी हो,
तुम प्रथम पूज्य हे गणराया सब तेरे गुण को गाते हैं,
तुझ में सब की आस लगी सब मनवांछित फल पाते हैं,
हे शंकर सूत्र बस इतनी कृपा करना,
तुमको अपना कहता रहूं,
कुछ और नहीं चाहत मेरी, तेरे नाम का सुमिरन करता रहूं....
रूप तेरा अति प्यारा बप्पा हाथों में ग्रंथ और माला है,
संकट हर्ता कहलाते हो तो सबका प्यारा है,
रिद्धि सिद्धि के दाता हो तुम जन-जन के नायक हो,
नैया पार लगाने वाले तुम करुणा के दायक हो,
हे पार्वती नंदन करुणाकर मैं तेरा वंदन करता रहूं,
कुछ और नहीं चाहत मेरी, तेरे नाम का सुमिरन करता रहूं....
जन जन के दिल में तुम बसते काज सिद्ध कर देते हो,
सच्चे दिल से जो ध्यान लगाता, कष्ट रहित कर देते हो,
मूषक वाहक हे विग्नेश्वर अर्जी मेरी भी सुन लेना,
हे गणनायक हे स्वामी मुझे दास रूप में चुन लेना,
करुणा के सागर हे गणनायक अभिनंदन मैं करता रहूं,
कुछ और नहीं चाहत मेरी, तेरे नाम का सुमिरन करता रहूं....
श्रेणी : गणेश भजन
दिन की शुरुआत कीजिये Ganesh Ji Ke Bhajan - तेरे नाम का सुमिरन करता रहुं Bhajna Se
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