प्रेम से बोलो हनुमाना बोलो
प्रेम से बोलो हनुमाना बोलो जय सिया रामा,
जय सियारामा जय हनुमाना,
बोलो हनुमाना बोलो जय सिया रामा.....
सोने के सिंहासन पर बैठे मेरे राम जी,
चरणों में बैठे हनुमाना बोलो जय सिया रामा,
प्रेम से बोलो हनुमाना बोलो जय सिया रामा.....
केसर तिलक लगामें मेरे राम जी,
लाल सिंदूर हनुमाना बोलो जय सिया रामा,
प्रेम से बोलो हनुमाना बोलो जय सिया रामा.....
पीला पितांबर पहने मेरे राम जी,
लाल लंगोटा हनुमाना बोलो जय सिया रामा,
प्रेम से बोलो हनुमाना बोलो जय सिया रामा.....
मेवा मिठाई खाते मेरे राम जी,
लड्डुओं का भोग हनुमाना बोलो जय सिया रामा,
प्रेम से बोलो हनुमाना बोलो जय सिया रामा.....
सारी रामायण में है मेरे राम जी,
सारा सुंदरकांड हनुमाना बोलो जय सिया रामा,
प्रेम से बोलो हनुमाना बोलो जय सिया रामा.....
मुक्ति के दाता हे मेरे राम जी,
भक्ति के दाता हनुमाना बोलो जय सिया रामा,
प्रेम से बोलो हनुमाना बोलो जय सिया रामा.....
श्रेणी : राम भजन

यह हनुमान भक्ति गीत भगवान श्रीराम और हनुमान जी के प्रति प्रेम और श्रद्धा से भरा हुआ है। गीत में सोने के सिंहासन पर विराजमान श्रीराम की छवि प्रस्तुत की गई है, जिनके चरणों में भक्त हनुमान बैठे हैं। श्रीराम के केसर तिलक और पीले पितांबर के साथ, लाल सिंदूर और लंगोटा धारण किए हनुमान जी की भक्ति भावना झलकती है। भोग में लड्डू और मिठाइयों का प्रसाद समर्पित कर भक्त, 'जय सिया राम' का जयकारा लगाते हैं। सुंदरकांड और रामायण के माध्यम से हनुमान जी की भक्ति और राम जी की महिमा का बखान होता है। यह गीत भक्तों को मुक्ति और भक्ति के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। प्रेम से बोलो हनुमाना, बोलो जय सिया रामा — इस भजन का हर शब्द भक्तिमय वातावरण को सजीव कर देता है।