लिखे जो चिट्ठियाँ लिरिक्स likhe Jo Chithiya Bhajan Lyrics Durga Mata Bhajan
लिखे जो चिट्ठियाँ, तू सारे जग को,
पर मेरी ही मैया क्यों बारी ना आई,
नौराते लौट के लो फिर आ गए
पर कोई भी ख़बर तुम्हारी ना आई....
पहाड़ों में तू रहती है,
गुफ़ाओं में तेरा डेरा,
में निर्धन हूँ तू दाती है,
ध्यान कर ले तू माँ मेरा,
भटक ना जाऊँ राहों में,
करो माँ दूर अँधेरा,
लिखे जो चिट्ठियाँ......
तू ही कमला तू ही काली,
तू ही अम्बे मा वरदानी,
तू ही मा शारदे दुर्गे,
तू ही मा शिव की पटरानी,
तेरे मा रूप लाखों हैं,
करे तू सबकी रखवाली,
लिखे जो चिट्ठियाँ.....
मेरी आँखों के दो आँसूँ,
नहीं तुझको नज़र आए,
खुली हैं इस क़दर माँ आँखें,
ना जाने कब माँ आ जाए,
करो ना और माँ देरी,
कहीं ये जान ना निकल जाए,
लिखे जो चिट्ठियाँ......
सहारे आपके मैया,
फलक के चाँद तारे हैं,
लगाया पार माँ सबको,
खड़े हम इस किनारे हैं,
तेरे बिन भक्तों ने मैया के,
दिन रो रो गुज़ारे हैं,
लिखे जो चिट्ठियाँ......
श्रेणी : दुर्गा भजन
MATA KE BHAJAN || लिखे जो चिट्ठियाँ तू || MATARANI BHAJAN || BY SD ||
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