किथे चला जोगिया लिरिक्स kithe Chala Jogiya Hindi Bhajan Lyrics Baba Balak Nath Bhajan
बोहड़ा थल्ले खड़ के तरले पाउंदी रत्नो माँ,
वे तू किथे चला जोगिया, छड्ड के बोहड़ा दी ठंडी छा।
इक दिन बाबे बोहड़ा थल्ले ला लई आप समाधी,
खेती चर लई गऊआं ने फिर, किती बहुत बरबादी,
रत्नो ताई गाला पईया, मार तोड़ होई डाडी,
गऊआं बड़सर थाने अंदर दितिया बंद करा,
वे तू किथे चला जोगिया, छड्ड के बोहड़ा दी ठंडी छा।
इक दिन बाबे बोहड़ दे थल्ले धुना अपना लाया,
पूरी मंडली लै गौरख ने, जोगी नू फ़रमाया,
दूध पीला दे बच्चिया सानू भूख ने बड़ा सताया,
मार के थापी बाबा जी ने चो लई ओसर गां,
वे तू किथे चला जोगिया, छड्ड के बोहड़ा दी ठंडी छा।
इक दिन जोगी छड्ड बोहड़ा नू आये गरुणा झाड़ी,
खड़ी खलोती रह गयी रत्नो, रोंदी कर्मा वाली,
तेरे जान दा सोग मनाया, गऊआं ने अत भारी,
सिखरो पत्ते झड़ बोहड़ा दी, विरली हो जाऊ छा,
वे तू किथे चला जोगिया, छड्ड के बोहड़ा दी ठंडी छा।
हथ जोड़ के तरले पावा, मिनत करा मैं तेरी,
तेरे नाल ही विच तलाईया, दुनिया वसदी मेरी,
कलरे वाला मीर आखदा, किती मिनत बथेरी,
मार उडारी गुफा दे अंदर लई समाधी ला,
वे तू किथे चला जोगिया, छड्ड के बोहड़ा दी ठंडी छा।
अपलोडर -अनिलरामूर्तीभोपाल
श्रेणी : बाबा बालक नाथ भजन
Kithe Chala Jogiya (Full Bhajan) | Meer Bawa Ji | Pirti Silon Music | New Baba Balaknath Bhajan 2021
किथे चला जोगिया लिरिक्स kithe Chala Jogiya Hindi Bhajan Lyrics, Baba Balak Nath Bhajan, by Meer Bawa Ji
Note :- वेबसाइट को और बेहतर बनाने हेतु अपने कीमती सुझाव नीचे कॉमेंट बॉक्स में लिखें व इस ज्ञानवर्धक ख़जाने को अपनें मित्रों के साथ अवश्य शेयर करें।