जय जय प्रभु दीनदयाल हरे लिरिक्स Jai Jai Prabhu Deendyal Hare Hindi Bhajan Lyrics Krishna Bhajan
गोविंद हरे गोपाल हरे,
जय जय प्रभु दीनदयाल हरे,
मैने अन्न के दान पंडित को दिए,
एकादशी के बराबर वह भी ना हुए,
जय जय प्रभु दीनदयाल हरे....
मैंने गाय के दान पंडित को दिए,
एकादशी के बराबर वह भी ना होए,
जय जय प्रभु दीनदयाल हरे....
मैं गंगा जमुना त्रिवेणी नहाई,
एकादशी के बराबर वह भी ना होए,
जय जय प्रभु दीनदयाल हरे....
मैंने चार धाम की यात्रा करी,
एकादशी के बराबर वह भी ना हुए,
जय जय प्रभु दीनदयाल हरे....
मैंने बेटी के दान जमाई को दिए,
एकादशी के बराबर वह भी ना हुए,
जय जय प्रभु दीनदयाल हरे....
मैंने सावन के महीने तुलसा सीची,
एकादशी के बराबर वह भी ना हुए,
जय जय प्रभु दीनदयाल हरे....
मैंने कार्तिक मास तुलसा पूजी,
एकादशी के बराबर वह भी ना हुए,
जय जय प्रभु दीनदयाल हरे....
मैंने तुलसा विवाह शालिग्राम से किया,
एकादशी के बराबर वह भी ना हुए,
जय जय प्रभु दीनदयाल हरे....
श्रेणी : कृष्ण भजन
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