श्याम बाबा को श्रृंगार मन भावे लिरिक्स Shyam Baba Ko Shringar Man Bhave Bhajan Lyrics
श्याम बाबा को श्रृंगार मन भावे,
खाटू वाळे को दरबार मन भावै,
दुनियाँ का नज़ारा के देखा, के देखा,
श्याम बाबा को श्रृंगार मन भावै।
ऐ को मुखड़ों प्यारो प्यारों,
ईकी आँख्या जो अमृत की प्याली,
ऐ की माथे मुकुट है छापर,
मोर पंखियाँ गज़ब की निराली,
ऐ का घूंघर वाला बाल,
ऐ के हीरो चमके भाल,
में चाँद सितारा के देखा के देखा,
श्याम बाबा को श्रृंगार मन भावै।
ये तो बदल बदल करे पहरे,
नित बाग़ां रंग बिरंगा,
कद केसर लाल गुलाबी,
कदे धौळा कदे पचरंगा,
बागो पेहरे घेर गुमेर,
पहरे थोड़ी थोड़ी देर,
एक बागो दोबारा ना देखा ना देखा,
श्याम बाबा को श्रृंगार मन भावै।
ऐ के मोटा मोटा गजरा,
फूल कई भांत का पिरोया,
ऊपर से इतर छिड़के,
चारो कानी से सेवक है आया,
म्हारों बाबो है शौकीन,
देख्या तबियत हो रंगीन,
गुलशन की बहारा के देखा के देखा,
श्याम बाबा को श्रृंगार मन भावै।
श्रेणी : खाटु श्याम भजन
सुबह शाम इस भजन को जरूर सुने - Shyam Baba Ko Shringar Man Bhave 2022 ka Latest Bhajan
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