धरती की शान तू है प्रभु की सन्तान,
तेरी मुठ्ठियों में बन्द तूफ़ान है रे,
मनुष्य तू बड़ा महान है भूल मत,
मनुष्य तू बड़ा महान है भूल मत,
तू जो चाहे पर्वत पहाड़ो को फोड़ दे,
तू जो चाहे नदीयों के मुख को भी मोड़ दे,
तू जो चाहे माटी से अमृत निचोड़ दे,
तू जो चाहे धरती को अम्बर से जोड़ दे,
अमर तेरे प्राण, मिला तुझको वरदान,
तेरी आत्मा में स्वयम् भगवान है रे,
मनुष्य तू बड़ा महान है भूल मत,
नयनो से ज्वाल तेरी गती में भूचाल,
तेरी छाती में छुपा महाकाल है,
पृथ्वी के लाल तेरा हिमगिरी सा भाल,
तेरी भृकुटी में तान्डव का ताल है,
निज को तू जान, जरा शक्ती पहचान,
तेरी वाणी में युग का आव्हान है रे,
मनुष्य तू बड़ा महान है भूल मत,
धरती सा धीर तू है अग्नी सा वीर,
तू जो चाहे तो काल को भी थाम ले,
पापोंका प्रलय रुके पशुता का शीश झुके,
तू जो अगर हिम्मत से काम ले,
गुरु सा मतिमान्, पवन सा तू गतिमान,
तेरी नभ से भी उंची उड़ान है रे,
मनुष्य तू बड़ा महान है भूल मत,
श्रेणी : विविध भजन
Dharti Ki Shan(Manushy tu bada mahan ) Lalit Bhatt Dwarka
मनुष्य तू बड़ा महान है लिरिक्स Manushya Tu Bada Mahan Hai Hindi Bhajan Lyrics, Vividh Bhajan by Lalit Bhatt Dwarka ji, Dharti Ki Shan
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