ये माया तेरी बहुत कठिन है राम
ये माया तेरी,
बहुत कठिन है राम.....
रक्त माँस हङ्ङी के ढेर पर,
मढा हुआ है चाम,
देख उसी की सुन्दरता,
हो जाती निंद हराम,
यह माया तेरी,
बहुत कठिन है राम....
करता नित्य विरोध क्रोध का,
कहता बुरा परिणाम,
होता क्रोधित स्वयं तो होती,
वाणी बिना लगाम,
यह माया तेरी,
बहुत कठिन है राम.....
मृत्यु देखता है औरों की,
रोज सवेरे शाम,
भवन बनाता ऐसे जैसे,
हरदम यहाँ मुकाम,
यह माया तेरी,
बहुत कठिन है राम.....
राजेश्वर प्रभु तुम मायापति,
करुणानिधि है नाम,
नाथ निवेरो अपनी माया,
जीव लहे विश्राम,
यह माया तेरी,
बहुत कठिन है राम.........
श्रेणी : राम भजन
ये माया तेरी बहुत कठिन है राम (भजन) - Maithili Thakur, Rishav Thakur, Ayachi Thakur
"यह माया तेरी, बहुत कठिन है राम" भजन में मानव जीवन की सच्चाई को गहराई से दर्शाया गया है। इस भजन के शब्द हमें जीवन की नश्वरता और माया के जाल को समझने का संदेश देते हैं। यह भजन बताता है कि किस प्रकार हम शरीर की सुंदरता में उलझकर वास्तविकता को भूल जाते हैं।
भजन के माध्यम से क्रोध, मोह, और मृत्यु जैसे पहलुओं को समझाया गया है, जो हमें हर दिन दिखाई देते हैं। मनुष्य मृत्यु को देखता है, फिर भी ऐसा जीवन व्यतीत करता है मानो वह यहाँ सदा के लिए है। भजन का सार है कि माया के जाल में फंसने के बजाय हमें प्रभु से निवेदन करना चाहिए कि वे हमें इस माया से मुक्ति प्रदान करें ताकि आत्मा को शांति मिल सके।
इस भजन के अंत में भक्त प्रभु राजेश्वर से प्रार्थना करते हैं कि वे इस कठिन माया को दूर करें। सरल शब्दों में, यह भजन जीवन की गहरी सच्चाइयों को प्रकट करता है और हमें आत्मचिंतन की ओर ले जाता है।