तुम अईयो कालका मैया
अंगना में बाघ लगा दूंगी, तुम अईयो कालका मैया,
तुम अईयो कालका मैया, तुम अईयो कालका मैया,
अंगना में बाघ लगा दूंगी, तुम अईयो कालका मैया.....
एक पेड़ वापे कपास को लगाऊंगी,
मैया तेरी ज्योत बनाऊंगी, तुम अईयो कालका मैया,
तुम अईयो कालका मैया, तुम अईयो कालका मैया,
अंगना में बाघ लगा दूंगी, तुम अईयो कालका मैया.....
एक पेड़ वापे नींबू का लगाऊंगी,
मैया तेरा हार बनाऊंगी, तुम अईयो कालका मैया,
तुम अईयो कालका मैया, तुम अईयो कालका मैया,
अंगना में बाघ लगा दूंगी, तुम अईयो कालका मैया.....
एक पेड़ वापे लोंगो को लगाऊंगी,
मैया तेरी ज्योत पर चढ़ा आऊंगी, तुम अईयो कालका मैया,
तुम अईयो कालका मैया, तुम अईयो कालका मैया,
अंगना में बाघ लगा दूंगी, तुम अईयो कालका मैया.....
एक बेरवा में मरूवे को लगाऊंगी,
मैया तेरो खप्पर भरा आऊंगी, तुम अईयो कालका मैया,
तुम अईयो कालका मैया, तुम अईयो कालका मैया,
अंगना में बाघ लगा दूंगी, तुम अईयो कालका मैया.....
एक पेड़ पर झूला डलाऊगी,
लांगुर से झूटा दिलाऊगी, तुम अईयो कालका मैया,
तुम अईयो कालका मैया, तुम अईयो कालका मैया,
अंगना में बाघ लगा दूंगी, तुम अईयो कालका मैया.....
श्रेणी : दुर्गा भजन
माता कालका की महिमा का वर्णन करते हुए, यह भजन भक्ति और श्रद्धा से परिपूर्ण है। इसमें भक्त अपनी मां के स्वागत के लिए पेड़-पौधों से सजावट करने और अंगना में बाघ लगाने की बात करता है। कपास, नींबू, लोंग, और मरुवा जैसे पेड़ों के माध्यम से माता के प्रति भक्ति व्यक्त की गई है। साथ ही, माता के लिए हार बनाना, ज्योत जलाना, और खप्पर भरने जैसे कर्म उनके प्रति श्रद्धा का प्रतीक हैं। पेड़ पर झूला डालकर भक्त अपने अनोखे अंदाज में मां का स्वागत करता है।
यह भजन हमें माता कालका के प्रति अपनी भक्ति और सेवा का संदेश देता है। हर पंक्ति में माता के प्रति गहरी श्रद्धा और प्रेम झलकता है। इसे सुनने और गाने से सकारात्मकता का अनुभव होता है।