तेरे दर पे ओ मेरी मैया
तेरे दर पे ओ मेरी मैया तेरे दीवाने आये है,
भर दे झोली मैया भोली बिगड़ी बनाने आये है....
मैं आया तेरे द्वारे पहली दफा,
मैया जी पूरी करदो मन की दुआ,
उचे पर्वत पे तेरे बचे तुझको मनाने आये है,
भरदे झोली मैया भोली बिगड़ी बनाने आये है....
भेरव के तरह हम पे कर दो दया,
चरणों में अपने देदो हम को जगह,
नाचते गाते गुण गुनाते जोगी मस्ताने आये है,
भर दे झोली मैया भोली बिगड़ी बनाने आये है....
मैं लाया माँ सजा के गीतों के फूल,
बदले में मुझको देदो चरणों की धूल,
हम परवाने गाते तराने तेरी शरण में आये है,
भर दे झोली मैया भोली बिगड़ी बनाने आये है.....
श्रेणी : दुर्गा भजन
तेरे दर पे ओ मेरी मैया, तेरे दीवाने आये हैं, यह भक्ति गीत माँ की महिमा और उनके चरणों में श्रद्धा की अभिव्यक्ति है। इस गीत में भक्त माँ से अपनी झोली भरने की प्रार्थना कर रहे हैं, ताकि उनकी बिगड़ी किस्मत संवर सके। भेरव के जैसे वह माँ से दया की भीख मांगते हैं और अपने जीवन की कठिनाइयों से उबरने के लिए माँ के चरणों में समर्पित होते हैं।
गीत में भक्तों का प्रेम और समर्पण साफ दिखाई देता है, जहाँ वे नाचते, गाते, और गुणगान करते हुए माँ के द्वार तक पहुंचते हैं। गीत के माध्यम से एक अद्भुत सशक्त विश्वास का संचार होता है कि माँ की कृपा से सभी परेशानियाँ समाप्त हो सकती हैं। माँ की चरणों में शरण लेना, भक्तों की सच्ची श्रद्धा का प्रतीक है।