जयपुर की चुनरिया मैं लाई शेरावालिये
जयपुर की चुनरिया,
मैं लाई शेरावालिये,
जयपुर की चुनरिया,
मैं लाई शेरावालिये ।
आगरा से लहंगा,
जयपुर से चुनरिया,
दिल्ली के दरीबे से लाई,
सितारे शेरावालिये,
जयपुर की चुनरिया,
मैं लाई शेरावालिये ।
कलकत्ते से नथली लाई,
झुमका लाई बरेली से,
और फिरोजाबाद से चूड़ी लाई,
पहनो शेरावालीये,
जयपुर की चुनरिया,
मैं लाई शेरावालिये ।
कांगड़े से सिंदूर लाई,
कजरा लाई मेरठ का,
मालवा से मेंहदी लाई,
लगाओ शेरावालीये,
जयपुर की चुनरिया,
मैं लाई शेरावालिये ।
गुजराती करधन ले आई,
बिछिया बीकानेर से,
और पंजाबी पाजेब ले आई,
पहनो शेरावालिए,
जयपुर की चुनरिया,
मैं लाई शेरावालिये ।
इलाहाबाद से अमरूद लाई,
पेड़े लाई मथुरा से,
और कंदारी अनार ले आई,
भोग लगाओ शेरावालिए,
जयपुर की चुनरिया,
मैं लाई शेरावालिये ।
श्रेणी : दुर्गा भजन
शुक्रवार स्पेशल भजन : जयपुर की चुनरिया मैं लाई शेरावालिये Lajwanti Pathak || Most Popular Bhajan
यह भजन "जयपुर की चुनरिया मैं लाई शेरावालिये" एक प्रसिद्ध दुर्गा भजन है, जो विशेष रूप से शुक्रवार के दिन भक्तों के बीच श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक बनता है। इस भजन में विभिन्न स्थानों से लाई गई चूड़ियाँ, नथलियाँ, सिंदूर, और अन्य पारंपरिक आभूषणों का वर्णन किया गया है, जो माँ शेरावाली को अर्पित किए जाते हैं। यह भजन भक्तों को एकता और भक्ति का संदेश देता है, और इसे गाकर लोग माँ दुर्गा की कृपा प्राप्त करने की कामना करते हैं। भजन के माध्यम से भारतीय संस्कृति और परंपराओं को जीवित रखने का एक सुंदर तरीका प्रस्तुत किया गया है। जयपुर से लेकर मथुरा, इलाहाबाद, और गुजरात तक के वि