भिक्षा मांगे राजकुमार लिरिक्स Biksha Maange Rajkumar Hindi Lyrics Vividh Bhajan
माता अनुसूया के द्वार भिक्षा मांगे राजकुमार,
ब्रह्मा विष्णु शंकर जी आए हैं द्वार पे...
बोली अनसूया माता आओ परमात्मा,
प्रेम से भोजन दूंगी खाओ परमात्मा,
बोली तीनों एक ही साथ भिक्षा नहीं लेंगे हम आज,
ब्रह्मा विष्णु शंकर जी आए हैं द्वार पे,
माता अनुसूया के द्वार......
बिस्तर से उतरकर खाना बनाओ माता,
अपने ही हाथों से हम को खिलाओ माता,
नहीं तो साफ करो इनकार ढूंढे और किसी का द्वार
ब्रह्मा विष्णु शंकर जी आए हैं द्वार पे,
माता अनुसूया के द्वार......
सुनकर अनसूया बोली मैं ही बनाऊंगी,
अपने ही हाथों से तुमको खिलाऊंगी,
बन जाओ तीनों बालकुमार झूलो पलना हमार,
ब्रह्मा विष्णु शंकर जी आए हैं द्वार पे,
माता अनुसूया के द्वार......
लक्ष्मी ब्रह्माणी गोरा अनसूया दौड़े आई,
देखा तो आकरके मन में बड़ी सकुचाई,
माता होवे जय जयकार दे दो पति भरतार,
ब्रह्मा विष्णु शंकर जी आए हैं द्वार पे,
माता अनुसूया के द्वार......
बोली अनसूया माता यह कैसी बात है,
छोटे छोटे बालकों की बहू छ छ हाथ हैं,
हम क्या करते हैं इनकार ले जाओ पति पहचान,
ब्रह्मा विष्णु शंकर जी आए हैं द्वार पे,
माता अनुसूया के द्वार......
श्रेणी : विविध भजन
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