बैठ गई सतगुरु के रथ में लिरिक्स Baith Gayi Satguru Ke Rath Mein Lyrics Gurudev Bhajan
मेरो आयो फोन अर्जेंट बैठ गई सतगुरु के रथ में.....
सतगुरु देव बेटा चले आए,
हाथ में तुलसी गंगाजल लाए,
मेरी माटी को रहे पिलाएं कभी पानी की ना पूछी,
मेरो आयो फोन अर्जेंट बैठ गई सतगुरु के रथ में.....
सतगुरु देख जेठ चले आए,
सतगुरु देख देवर चले आए,
हाथ में कफन काटी जाए,
मेरी अर्थी रहे सजाए कभी महलन की ना पूछो,
मेरो आयो फोन अर्जेंट बैठ गई सतगुरु के रथ में.....
सतगुरु देख जिठानी चली आई,
सतगुरु देव देवरानी चली आई,
हाथ में लोटा बाल्टी लाई,
मेरी माटी को रही निलाए कभी मन गुन की ना पूछो,
मेरो आयो फोन अर्जेंट बैठ गई सतगुरु के रथ में.....
सतगुरु देव बहू चली आई,
हाथ में शीशा कंघा लाई,
मेरी मांटी को रही सजाए कभी रोटी की ना पुछी,
मेरो आयो फोन अर्जेंट बैठ गई सतगुरु के रथ में.....
सतगुरु देव पति चले आए,
हाथों में फूलों की माला लाए,
मेरी माटी को रहे सजाए कभी दुख सुख की ना पुछी,
मेरो आयो फोन अर्जेंट बैठ गई सतगुरु के रथ में.....
सतगुरु देख बेटी चली आई,
मेरी मांटी पे रूधन मचाई,
मैया खूब लड़ाए लाढ कभी में एकली ना छोड़ी,
मेरो आयो फोन अर्जेंट बैठ गई सतगुरु के रथ में.....
सतगुरु देख पोते चले आए,
पंडित हलवाई संघ में लाए,
मेरी दावत रहे कराए कभी मेरी लाठी ना पकड़ी,
मेरो आयो फोन अर्जेंट बैठ गई सतगुरु के रथ में.....
श्रेणी : गुरुदेव भजन

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