ना देना दोष किस्मत को
ना देना दोष किस्मत को विपत्ति तो सब पर आती है,
विपत्ति तो सब पर आती है, विपत्ति तो सब पर आती है,
ना देना दोष किस्मत को विपत्ति तो सब पर आती है....
विपत्ति आई राजा मोरध्वज पर वचन संतो को दे डाला,
ना देना दोष संतो को विपत्ति तो सब पर आती है,
ना देना दोष किस्मत को विपत्ति तो सब पर आती है....
विपत्ति आई राजा हरिश्चंद्र पर दान में राज दे डाला,
ना देना दोष ऋषियों को विपत्ति तो सब पर आती है,
ना देना दोष किस्मत को विपत्ति तो सब पर आती है....
विपत्ति आई अंधे माता पिता पुत्र सरवन सा खो डाला,
ना देना दोष दशरथ को विपत्ति तो सब पर आती है,
ना देना दोष किस्मत को विपत्ति तो सब पर आती है....
विपत्ति आई राजा दशरथ पर राम वनवास दे डाला,
ना देना दोष केकई को विपत्ति तो सब पर आती है,
ना देना दोष किस्मत को विपत्ति तो सब पर आती है....
विपत्ति आई राजा रावण पर हरण सीता का कर डाला,
ना देना दोष रघुवर को विपत्ति तो सब पर आती है,
ना देना दोष किस्मत को विपत्ति तो सब पर आती है....
विपत्ति आई हम सब भक्तों पर नाम गुरुवर का ले डाला,
विपत्ति सब दूर कर डाली जगत में नाम फैलाया,
ना देना दोष किस्मत को विपत्ति तो सब पर आती है....
श्रेणी : विविध भजन
।। ना देना दोष किस्मत को विप्पती तो सबपे आती है ।। NA DENA DOSH KISMAT KO VIPATI TO SAB PE AATI HAI।
यह भजन जीवन में आने वाली विपत्तियों और मुश्किलों के बारे में है, जो किसी न किसी रूप में सभी पर आती हैं। भजन के माध्यम से यह संदेश दिया गया है कि विपत्तियाँ किसी की किस्मत या भाग्य का परिणाम नहीं होतीं, बल्कि यह हर किसी के जीवन का हिस्सा होती हैं। विभिन्न उदाहरणों में राजा मोरध्वज, राजा हरिश्चंद्र, राजा दशरथ, और रावण की विपत्तियों के माध्यम से यह समझाया गया है कि हर व्यक्ति के जीवन में कठिनाइयाँ आती हैं, और हमें इनका दोष दूसरों पर नहीं डालना चाहिए।
यह भजन हमें यह सिखाता है कि विपत्तियों को सहन करना और उनसे उबरना ही जीवन का वास्तविक सत्य है। इससे यह प्रेरणा मिलती है कि मुश्किल समय में हमें धैर्य और संयम बनाए रखना चाहिए, क्योंकि विपत्ति का सामना सभी को करना पड़ता है।